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चुनाव पर भारी पड़ सकते हैं बाढ़ और कोरोना

New Delhi: Union Home Minister Amit Shah with Bihar CM Nitish Kumar at an election campaign rally ahead of the forthcoming Delhi Assembly election, at Burari in New Delhi, Sunday, Feb. 2, 2020. (PTI Photo)(PTI2_2_2020_000170B)

Patna (TBN – The Bihar Now डेस्क) | विधानसभा चुनाव से पहले बाढ़ और कोरोना वायरस के संक्रमण ने बिहार के राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. निर्वाचन आयोग के सामने भी चुनाव कराने को लेकर कई सवाल हैं. भाजपा और जदयू को छोड़कर अधिकांश दल इन परिस्थितियों में चुनाव टालने के पक्ष में हैं. भाजपा की सहयोगी लोजपा ने भी आयोग से चुनाव को आगे बढ़ाने की मांग की है. इसके पहले राजद और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल भी इस तरह की बात कह चुके हैं.

चुनाव आयोग ने मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य के विभिन्न दलों से चुनाव को लेकर उनके सुझाव और टिप्पणियां मांगी थी. इनमें 7 राष्ट्रीय और 43 प्रादेशिक दल शामिल थे. इन दलों ने 31 जुलाई की समय सीमा तक अपने सुझाव आयोग को दे दिए हैं. भाजपा की सहयोगी लोजपा ने भी शुक्रवार (31 जुलाई) को आयोग को लिखे पत्र में बाढ़ और वायरस के चलते चुनाव को टालने की मांग की है.

इसके पहले राजद व कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भी आयोग से इन स्थितियों में चुनाव को टालने की बात कही थी. सत्तारूढ़ भाजपा और जदयू ने इस मामले को चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है. इन दोनों दलों का कहना है कि उनकी तैयारी पूरी है. वे आयोग के फैसले के साथ रहेंगे.

पिछले दिनों आयोग ने भी चुनाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क आदि को लेकर अपनी तैयारियां बताई थीं. पिछले कुछ दिनों से राज्य में जिस तरह बाढ़ का कहर और कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है, उसके बाद अब आयोग को स्वास्थ्य संबंधी हालातों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के सुझाव को भी ध्यान में रखना होगा. बिहार के जो हालात हैं, उसमें अगले एक डेढ़ महीने तक समस्याएं बनी रहेंगी और वह बिगड़ भी सकती हैं. वायरस के संक्रमण को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. बाढ़ के हालात भी मानसून के बाद ही सामान्य हो पाएंगे.

इन सब हालातों का भी चुनाव पर असर पड़ेगा. इससे भी राजनीतिक दल परेशान हैं. कई दलों का तो अभी चुनावी काम भी शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि, भाजपा और जदयू ने पार्टी स्तर पर कई कार्यक्रम किए हैं. राजद ने भी थोड़ी बहुत तैयारी की है. अगर स्थितियां ठीक रहीं, तो बिहार में अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए चुनाव आगे बढ़ाए जाते हैं और विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक नई सरकार नहीं चल पाती है, तो राष्ट्रपति शासन का विकल्प भी खुला हुआ है.