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दीवार पर LED टीवी और मॉडल किचन वाला बिहार का मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र

बाढ़ (अभिषेक सिन्हा – The Bihar Now) | बड़े-बड़े नामचीन प्ले स्कूल को देखकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे को भी इस तरह के स्कूलों में पढ़ने की इच्छा रहती है. “काश ऐसा स्कूल मेरा भी होता’ – यह सपना ग्रामीण बच्चा देखता है. लेकिन उस बच्चे के अभिभावक के पास उतना पैसा नहीं होता जिस कारण वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला कराते हैं.

अब बिहार सरकार ने कमर कस लिया है गरीब के बच्चों की इस इच्छा को पूरा करने की. अब सरकार इसे पूरा करती दिख भी रही है. बिहार सरकार ने पटना जिला के बाढ़ और अथमलगोरा प्रखंडों में आंगनबाडी के 5 केंद्रों को मॉडल के तौर पर अपग्रेड किया है.

इन मॉडल आंगनवाड़ी स्कूलों को देखकर कोई भी यकीन नहीं करेगा कि यह सरकारी संस्थाएं हैं. सरकार ने इन केंद्रों को प्ले स्कूल की तर्ज पर डेवेलप किया है ताकि बच्चों का इसमें आकर्षण बना रहे.

दीवारों पर एलईडी टीवी तथा चित्रकारी और ज्ञानवर्धक बातें

इन केंद्रों की दीवारों पर एक से एक बढ़कर चित्रकारी की गई है और ज्ञानवर्धक बातें लिखी गई हैं. दीवारों पर एलईडी टीवी भी लगाई गई है ताकि बच्चे दृश्य व ध्वनि के माध्यम से अपनी ज्ञान बढ़ा सके. इतना ही नहीं, यहां किचन की व्यवस्था भी की गई है जहां केंद्र के बच्चों के लिए गरम एवं शुद्ध हेल्थी खाना भी मिलता है. इस किचन में चार्ट के हिसाब से बच्चों के लिए खाना बनाया जाता है.

इसके अलावा प्ले स्कूल की तरह इन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के खेलने-कूदने के लिए झूला और खिलौना जैसी चीजें भी स्थापित की गई हैं. सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण व वंचित बच्चे इन केंद्रों पर बने स्कूल से प्यार करें, जहां इन बच्चों के शिक्षा की पहली पायदान आधुनिक प्ले स्कूलों की तरह आधुनिक संसाधनों के जरिए उपलब्ध हो सके.

बाल विकास परियोजना की प्रीति पटेल बताया कि बाढ़ तथा अथमलगोला के इन 5 केंद्रों को आधुनिक केंद्र बनाया जा रहा है. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी भारती प्रियंबदा ने भी सभी अधिकारियों को इस काम को काफी प्रमुखता से करने का आदेश दिया है.

इन मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र के तस्वीरों को बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा और पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है यह कोई प्ले स्कूल नहीं है बल्कि आंगनवाड़ी केंद्र है. इन केंद्रों से यह स्पष्ट है कि बिहार में शिक्षा की स्तर में किस तरह सुधार लाया जा रहा है.