नगर परिषद अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, कार्यपालक पदाधिकारी पर लगाए आरोप
बाढ़ (अभिषेक कुमार सिंहा – The Bihar Now डेस्क) | कोरोना महामारी संक्रमण काल में बाढ़ शहर की सफाई व्यवस्था समेत अन्य विकासात्मक कार्य में एक बार फिर बाधा उत्पन्न होने के आसार बन चुके हैं, क्योंकि कार्यपालक पदाधिकारी के मनमानी रवैया से आजीज होकर नगर परिषद अध्यक्ष शकुंतला देवी ने अपना इस्तीफा अनुमंडल पदाधिकारी को सौंप दिया. हालांकि अनुमंडल पदाधिकारी ने इस्तीफा लेने में अपने आप को विधि सम्मत अक्षम करार देते हुए उन्हें नगर विकास जाकर इस्तीफा देने की मशवरा दिया है.
अनुमंडल पदाधिकारी सुमित कुमार को इस्तीफा पत्र की एक प्रति सुपुर्द करते हुए नगर अध्यक्ष शकुंतला देवी पटना के लिए रवाना हो गई. अनुमंडल कार्यालय के द्वार पर खड़ी नगर अध्यक्ष शकुंतला देवी ने बताया कि जब से नए कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार ने पदभार ग्रहण किया है, तब से नगर अध्यक्ष का वजूद ही समाप्त हो गया है. ना तो वे खुद विकास का कार्य कर रहे हैं और ना ही मुझे करने दे रहे हैं.
शकुंतला देवी ने बताया कि जलजमाव, अंधेरे से मुक्ति, उचित साफ-सफाई आदि जैसे गंभीर मुद्दे पर हमारी कुछ नहीं सुनी जा रही है. कार्यपालक पदाधिकारी के मन में जों आता है, वे वही कार्य कर रहे हैं. और गलत होने पर इसका सारा ठीकरा मेरे सर पर फोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसी मजबूरी से उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है.
इस बाबत जब कार्यपालक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सारे आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब तक नगर अध्यक्ष की कुर्सी खाली रहती है, विकास का हर काम होता रहेगा. उसके लिए कार्यपालक पदाधिकारी ही काफी है. उन्होंने कहा कि वैसे भी मेरे पदभार संभालने के बाद शहर के विकास कार्यों में तेजी आई है.
ऐसे में अब सवाल उठता है कि नगर परिषद अध्यक्ष और कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गए आरोप कितने सही है, यह तो जांच का विषय है लेकिन नीतीश कुमार के महिला सशक्तिकरण के नाटक का पर्दाफास जरूर हो गया है.