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वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के सेफ्टी जोन में बालू और पत्थर के अवैध खनन से लोगों में आक्रोश

बगहा (TBN डेस्क) | बड़ी ख़बर बगहा से है जहां वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के सेफ्टी जोन और रिहायशी इलाकों में बालू और पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है.

अवैध खनन से नाराज़ होकर ग्रामीणों ने खनन कारोबारियों के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है. इसके साथ लोगों ने वन विभाग के कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन भी किया.

बताया जा रहा है कि बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के जंगल सेफ्टी जोन और रिहायशी इलाकों से सटे गंडक नदी समेत गंडक की सहायक नहरों से बदस्तूर अवैध खनन किया जा रहा है.

कई जगहों पर बालू के साथ पत्थर की खुदाई में कारोबारी बेरोक टोक लगे हैं. यही वजह है कि अवैध खनन से नाराज़ ग्रामीणों ने हरनाटाड रेंज ऑफिस का घेराव किया.

आपको बताते चले कि जंगल क्षेत्र और गांव से सटे इलाकों में जबरन खनन को लेकर ग्रामीणों में नाराज़गी है. हरनाटाड लौकरिया के काला बरवा में नदी और नहर सहित वाल्मिकीनगर तिरहुत कैनाल थारू टोला, हवाई अड्डा जैसे दर्जनों जगह अवैध खनन ट्रैक्टर ट्राली और जेसीबी मशीन लगाकर किया जा रहा.

अब आने वाले बरसात के दिनों में बाढ़ कटाव की चिंता को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं. इधर वन विभाग और खनन पदाधिकारी से सेफ्टी जोन में खनन पर रोक लगाने की भी मांग की जा रही है.

इस सम्बन्ध में वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के रेंजर महेश प्रसाद वन क्षेत्र से अलग खनन होने की दलील देते हुए खनन पदाधिकारी और स्थानीय पुलिस पर इसके रोकथाम की जिम्मा का हवाला देकर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रहे हैं.

अब सवाल यह है कि अवैध खनन जंगल में हो या नदी या नहरों के किनारे हो, इसका दुष्प्रभाव तो रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों और उनके घरों पर होता ही है.

ऐसे में विभाग को चाहिए कि प्रतिबंधित क्षेत्रों सेफ्टी जोन और रिहायशी इलाकों से सटे जगहों पर हो रहे अवैध खनन पर समय रहते रोक लगाये. साथ ही ऐसे खनन कारोबारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करे नहीं तो इलाक़े में बाढ़ और कटाव की भयावह स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है.