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पार्टी से निष्काषित होने पर अजय आलोक ने कहा, “बहुत-बहुत धन्यवाद”

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पार्टी से निकाले जाने के बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक (Dr Ajay Alok) ने अपने अंदाज में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि है, ‘बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते, बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे मुक्त करने के लिए”.

अजय आलोक ने पार्टी को धन्यवाद कहते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी के अनुशासन का पालन किया. उन्होंने कहा, “इतने साल का संबंध रहा बहुत अच्छा रहा. मेरी शुभकामनाएं आप लोगों को है, मैं एक बार फिर कहता हूं बहुत-बहुत धन्यवाद”.

पार्टी से निकाले जाने के बाद अजय आलोक ने ट्वीट कर ऐसा कहा. उन्होंने इस ट्वीट में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) को भी टैग किया है.

बता दें, मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक, प्रदेश महासचिव अनील कुमार, प्रदेश महासचिव विपीन कुमार यादव को पार्टी ने निकाल दिया है. इसके साथ जेडीयू ने भंग समाज सुधार सेनानी के प्रकोष्ठ अध्यक्ष जितेन्द्र नीरज को भी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.

RCP सिंह के करीबी अजय आलोक

बताया जाता है कि अजय आलोक केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के करीबी हैं. उन्होंने कई बार आरसीपी के समर्थन में बयान भी दिया था. आरसीपी सिंह के करीबी होने के कारण ही उन्हें जेडीयू ने बाहर का रास्ता दिखाया गया.

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अजय आलोक पर सार्वजनिक फ़ोरम और डिबेट में बीजेपी की तरफ़दारी करने का भी आरोप लगता रहा है. साथ ही कुछ मौकों पर उन्होंने पार्टी लाइन से अलग बयान भी दिए थे जो पार्टी की नजर में था.

पूर्व मंत्री नीरज ने दी थी नसीहत

हाल ही में हुए बिहार राज्यसभा चुनाव में जब आरसीपी सिंह की राज्यसभा टिकट पर जब खींचतान चल रहा था, उस वक्त अजय आलोक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के गहरे संबंधों का जिक्र करते हुए कहा था कि शिल्पकार अपनी मूर्ति कभी नहीं तोड़ते हैं. इसपर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने उन्हें सलाह नहीं देने की नसीहत दी थी.

अजय आलोक ने आरजेडी पर तंज करते हुए कहा था कि जैसे भैंस की चमड़ी पर पानी नहीं टिकता हैं, उसी तरह आरजेडी और जेडीयू कभी साथ टिक नहीं सकते. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ेगा. इसके बाद उन्होंने आरसीपी सिंह का नाम लेते हुए कहा कि उनका अहम योगदान हमेशा रहेगा. आरसीपी सिंह की यही तरफदारी अजय आलोक को भारी पड़ गई.