अहमदाबाद विमान हादसा और डीएनए टेस्ट
पटना (The Bihar Now डेस्क)|हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया (Ahmedabad Plane Crash) के दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में फंसा विमान लपटों की चपेट में आ गया, जिसमें करीब 1.25 लाख लीटर विमानन ईंधन भरा था. इस भीषण आग ने शवों को इस कदर जला दिया कि उनकी पहचान लगभग असंभव हो गई है. शवों की शिनाख्त के लिए अब डीएनए परीक्षणों (DNA Test) का सहारा लिया जा रहा है और इसके लिए रक्त के नमूने संग्रहित किए जा रहे हैं. आइए जानते हैं डीएनए टेस्ट होता क्या है.
डीएनए टेस्टिंग एक वैज्ञानिक तकनीक है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के आनुवंशिक (जेनेटिक) मेकअप को समझने के लिए किया जाता है. यह टेस्ट डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) के विश्लेषण पर आधारित होता है, जो हमारे शरीर की कोशिकाओं में मौजूद एक जैविक अणु है और जिसमें हमारी आनुवंशिक जानकारी संग्रहित होती है. यह टेस्ट विभिन्न उद्देश्यों जैसे वंशावली, स्वास्थ्य जोखिम, पितृत्व की पुष्टि, फोरेंसिक जांच, और बीमारियों के निदान के लिए किया जाता है.
डीएनए टेस्टिंग में क्या होता है?
डीएनए टेस्टिंग में किसी व्यक्ति के डीएनए के विशिष्ट हिस्सों का विश्लेषण किया जाता है. डीएनए में जीन होते हैं, जो हमारे शारीरिक लक्षणों, स्वास्थ्य, और कुछ हद तक व्यवहार को निर्धारित करते हैं. यह टेस्ट निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है:
पितृत्व/मातृत्व की पुष्टि: यह जांचने के लिए कि कोई व्यक्ति किसी बच्चे का जैविक माता-पिता है या नहीं.
वंशावली और पारिवारिक इतिहास: अपने पूर्वजों की उत्पत्ति और नस्ल का पता लगाने के लिए.
स्वास्थ्य और बीमारी: कुछ आनुवंशिक बीमारियों (जैसे कैंसर, डायबिटीज) के जोखिम का आकलन करने के लिए.
फोरेंसिक जांच: अपराध स्थल पर मिले डीएनए के आधार पर संदिग्धों की पहचान.
जेनेटिक म्यूटेशन: विशिष्ट जेनेटिक म्यूटेशन की पहचान जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
डीएनए टेस्टिंग कैसे होती है?
डीएनए टेस्टिंग की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:
सैंपल संग्रह:
डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल आमतौर पर लार, खून, बाल, या गाल की कोशिकाओं (स्वैब) से लिए जाते हैं.
सबसे आम तरीका है गाल की अंदरूनी त्वचा से स्वैब लेना, जो दर्दरहित और सरल है.
कुछ मामलों में, गर्भाशय में भ्रूण के डीएनए का विश्लेषण करने के लिए एम्नियोटिक द्रव या प्लेसेंटा के ऊतकों का उपयोग किया जाता है (जैसे प्री-नेटल टेस्टिंग में).
प्रयोगशाला में विश्लेषण:
नमूने को प्रयोगशाला में भेजा जाता है, जहां डीएनए को निकाला जाता है.
डीएनए को विश्लेषण के लिए विभिन्न तकनीकों जैसे पॉलिमरेज चेन रिएक्शन (PCR), जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस, या डीएनए सीक्वेंसिंग का उपयोग करके जांचा जाता है.
विश्लेषण में डीएनए के विशिष्ट हिस्सों (जैसे STRs – Short Tandem Repeats) की तुलना की जाती है, जो हर व्यक्ति में अद्वितीय होते हैं.
इस टेस्ट के परिणाम कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों में उपलब्ध हो सकते हैं, जो टेस्ट के प्रकार और प्रयोगशाला की प्रक्रिया पर निर्भर करता है. परिणाम एक रिपोर्ट के रूप में प्रदान किए जाते हैं, जिसमें आनुवंशिक जानकारी, स्वास्थ्य जोखिम, या संबंधों की पुष्टि होती है.
डीएनए टेस्ट कहां-कहां होता है?
भारत और विश्व भर में डीएनए टेस्टिंग कई जगहों पर उपलब्ध है:
प्रमुख शहरों में प्रयोगशालाएं: भारत में दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, कोलकाता जैसे शहरों में कई निजी और सरकारी प्रयोगशालाएं डीएनए टेस्टिंग सेवाएं प्रदान करती हैं. कुछ प्रसिद्ध लैब्स में शामिल हैं:
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (CDFD), हैदराबाद
मैपमायजीनोम (Mapmygenome), हैदराबाद
डीएनए लैब्स इंडिया (DNA Labs India)
मेडजीनोम (MedGenome)
अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर: कई बड़े अस्पताल जैसे अपोलो, फोर्टिस, और मैक्स डीएनए टेस्टिंग की सुविधा प्रदान करते हैं.
ऑनलाइन किट: कुछ कंपनियां जैसे 23andMe, AncestryDNA, और MyHeritage घर पर डीएनए टेस्टिंग किट प्रदान करती हैं, जहां आप स्वैब नमूना लेकर लैब में भेज सकते हैं.
फोरेंसिक लैब्स: अपराध जांच के लिए सरकारी फोरेंसिक लैब्स जैसे सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) में डीएनए टेस्टिंग होती है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर: अमेरिका, यूके, और अन्य विकसित देशों में डीएनए टेस्टिंग बहुत आम है, और कई भारतीय इन सेवाओं का उपयोग ऑनलाइन किट के माध्यम से करते हैं.
डीएनए टेस्ट कितना सही होता है?
डीएनए टेस्टिंग की सटीकता टेस्ट के प्रकार और उद्देश्य पर निर्भर करती है:
पितृत्व/मातृत्व टेस्ट: ये टेस्ट 99.9% से अधिक सटीक होते हैं, अगर नमूने सही तरीके से लिए गए हों और मान्यता प्राप्त लैब में विश्लेषण किया गया हो.
वंशावली टेस्ट: ये टेस्ट 95-99% तक सटीक होते हैं, लेकिन परिणाम डेटाबेस की तुलना पर निर्भर करते हैं. यदि डेटाबेस में आपके क्षेत्र के लोगों की जानकारी कम है, तो परिणाम कम सटीक हो सकते हैं.
स्वास्थ्य जोखिम टेस्ट: इनकी सटीकता 80-95% तक हो सकती है, क्योंकि यह केवल संभावित जोखिमों की भविष्यवाणी करता है, न कि निश्चित बीमारी की पुष्टि.
फोरेंसिक टेस्ट: फोरेंसिक डीएनए टेस्टिंग बहुत सटीक होती है (99.99% तक), लेकिन नमूने की गुणवत्ता (जैसे दूषित या पुराना नमूना) सटीकता को प्रभावित कर सकती है.
डीएनए टेस्टिंग की सीमाएं
गोपनीयता: डीएनए डेटा का दुरुपयोग हो सकता है, इसलिए विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त लैब का चयन करना महत्वपूर्ण है.
सटीकता की सीमा: कुछ टेस्ट केवल संभावनाओं को दर्शाते हैं, न कि निश्चित परिणाम.
लागत: भारत में डीएनए टेस्ट की कीमत 5,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये या उससे अधिक हो सकती है, जो टेस्ट के प्रकार पर निर्भर करता है.
नैतिक मुद्दे: डीएनए टेस्टिंग से परिवारिक संबंधों या गोपनीयता से जुड़े विवाद उत्पन्न हो सकते हैं.
भारत में डीएनए टेस्टिंग की स्थिति
भारत में डीएनए टेस्टिंग तेजी से लोकप्रिय हो रही है, खासकर पितृत्व टेस्ट, स्वास्थ्य जोखिम आकलन, और वंशावली के लिए. सरकार ने कुछ मामलों में (जैसे बलात्कार या हत्या की जांच) डीएनए टेस्टिंग को अनिवार्य किया है. हालांकि, जागरूकता और नियमन की कमी के कारण, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि टेस्ट किसी मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में हो.