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एग्रो बिहार 2023 का हुआ समापन, किसानों ने की कृषि यंत्रों की जमकर खरीदारी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| कृषि विभाग के सचिव ने कहा है कि राज्य के किसानों ने इस वर्ष कृषि मेला-सह-प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया. वह रविवार को पटना के गांधी मैदान में कृषि विभाग और सीआईआई के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय एग्रो बिहार, 2023 राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला-सह-प्रदर्शनी के समापन समारोह में बोल रहे थे.

बता दें, 09 से 12 फरवरी तक पटना के गांधी मैदान में कृषि विभाग और सीआईआई के सहयोग से चार दिवसीय एग्रो बिहार, 2023 राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इसका समापन कृषि विभाग के सचिव डॉ एन सरवण कुमार ने रविवार को किया.

इस अवसर पर अपने संबोधन में सचिव ने कहा कि इस साल प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के किसानों ने बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया. इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाईंडर, स्ट्रारीपर, राईस मिल, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाईजर ड्रील, थ्रेसर सहित 187.77 लाख रूपये के 114 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया. इस पर किसानों को 76,18,600 रूपये अनुदान दिया गया.

उन्होंने कहा कि 04 दिनों के आयोजन में लगभग 11 करोड़ रूपये के कुल 665 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 481.73 लाख रूपये का अनुदान दिया गया. राज्य सरकार द्वारा राज्य में किसानों को 90 प्रकार के कृषि यंत्रों के क्रय पर 94.05 करोड़ रूपये अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.

सचिव ने बताया कि राज्यस्तर के इस कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों की बिक्री बड़ी संख्या में हुई है, इससे पता चलता है कि राज्य के किसान मृदा एवं पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में फसल अवशेष जलने की घटना में कमी आयेगी.

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उन्होंने कहा कि इस साल इस प्रदर्शनी-सह-मेला का आयोजन सफल रहा. इस मेले के आयोजन में सहयोग करने के लिए विभागीय एवं सीआईआई के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों, तथा विशेषकर राज्य के किसानों को धन्यवाद दिया.

समापन समारोह के दौरान सभी कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों को द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाण-पत्र एवं मोमेन्टो प्रदान किया गया. इस अवसर पर विशेष सचिव-सह-कृषि निदेशक विजय कुमार, अपर निदेशक (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक, निदेशक भूमि संरक्षण बैंकटेश नारायण सिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण जय प्रकाश नारायण, निदेशक, बामेती आभान्शु सी जैन सहित कृषि विभाग एवं सीआईआई के अन्य पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण, कृषि यंत्र निर्माता/विक्रेता सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे.

एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण

> लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टॉल लगाये गये थे.
> इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माताओं ने भाग लिया.
> राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्दमियों ने भी मेला में भाग लिया.
> राज्य के सभी जिलों से आत्मा के माध्यम से कुल 17,630 किसानों को मेला भ्रमण कराया गया.
> प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया.
> कृषि विभाग के भूमि संरक्षण, उद्यान, मिट्टी जाँच, बसोका, बामेती से संबंधित योजनाओं/क्रिया-कलापों को प्रदर्शित किया गया.
> मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्यपालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया.
> इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) एवं यंत्र निर्माताओं तथा उद्योग विभाग के पदाधिकारियों की बैठक (B to G Meet) का आयोजन किया गया.
> स्थानीय विद्यालयों के छात्र/छात्राओं के बीच चित्रकला प्रतियोगिता तथा क्विज का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया.
> मेला परिसर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिदिन कृषकों/आगंतुकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
> मेला में आने वालों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई थी.