1 जून से राज्य में सार्वजनिक परिवहन शुरू, लेकिन व्यवस्था रहेगी ऐसी
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पटना (TBN रिपोर्ट) | कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम को देखते हुए गृह मंत्रालय (MHA), भारत सरकार द्वारा 30 मई को अनलॉक1.0 में नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. बिहार सरकार ने रविवार को साफ किया कि वो राज्य में इन निर्देशों का हूबहू पालन करेगी और अभी अपना कोई नया निर्देश जारी नहीं करेगी.
गृह मंत्रालय (MHA), भारत सरकार द्वारा निर्गत इन दिशा-निर्देशों के आलोक में रविवार को आपातकालीन प्रबंधन ग्रुप (CMG) की बैठक हुई जिसमें 1 जून से राज्य में बस समेत सभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का परिचालन शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
आपातकालीन प्रबंधन ग्रुप ने निर्णय लिया है कि 1 जून से राज्य में ई/रिक्शा तथा ऑटो रिक्शा का परिचालन (कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर) शुरू हो सकेगा. ओला, ऊबर, टैक्सी का भी चलना शुरू किया जा सकेगा लेकिन कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर.
बसों एवं सभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का परिचालन ‘एक सीट एक व्यक्ति’ के सिद्धांत के अनुसार किया जा सकेगा. लेकिन इस बावत कई निर्देश निर्गत किए गए हैं. जैसे, बस मालिकों द्वारा वाहन को प्रतिदिन धुलवाने, साफ-सुथरा रखने एवं समय-समय पर हरेक ट्रिप के बाद सैनिटाइज कराना होगा. अपने ड्राइवर एवं कंडक्टर को साफ कपड़े एवं मास्क, ग्लब्स पहनने का अनुपालन कराना होगा. अपने वाहन के अंदर एवं बाहर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपाय संबंधित पोस्टर या स्टीकर लगाना अनिवार्य होगा. यात्रियों को बस में जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए पंपलेट का यात्रियों के बीच वितरण के साथ साथ वाहनों के अंदर चढ़ने तथा उतरने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराना होगा. वाहनों में सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा. ड्राइवर और कन्डक्टर को हिदायत देना होगा कि निर्धारित सीट के अतिरिक्त एक भी यात्री वाहन में नहीं लिया जाए.
उसी प्रकार ड्राइवर और कन्डक्टर के लिए कहा गया है कि वे यात्री को वाहनों में चढ़ने से पूर्व हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर उपलब्ध कराएंगे. उन्हें वाहनों की प्रतिदिन धुलाई एवं आवश्यक साफ-सफाई सुनिश्चित करना होगा. इतना ही नहीं, उन्हें हर ट्रिप के खत्म होने पर बस की पुनः सफाई अनिवार्य रूप से करना होगा. वाहनों के अंदर चढ़ने उतरने के समय वे यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराएंगे. ड्राइवर और कन्डक्टर को हिदायत होगी कि वे वाहन में सफर कर रहे प्रत्येक यात्री को जिला प्रशासन द्वारा प्रदत पंपलेट उपलब्ध कराएंगे तथा कोविड-19 से बचाव की जानकारी भी उपलब्ध कराएंगे.
बैठक में जिला प्रशासन के लिए भी व्यापक निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अनुसार, जिला प्रशासन अपने क्षेत्र के अंतर्गत प्रत्येक बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड पर दंडाधिकारी के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करेगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि बसों में सोशल डिस्टेंसिंग, साफ सफाई संबंधी प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जा रहा है, बसों में निर्धारित स्थान क्षमता के अनुसार ही यात्री बैठाए जा रहे हैं एवं यात्रियों से निर्धारित किराया ही वसूला जा रहा है. अन्य वाहनों में भी इसका अनुपालन किया जाएगा.
जिला प्रशासन द्वारा वाहनों के परिचालन संबंधी उपरोक्त निर्देश परमिट की शर्तों के पार्ट माने जाएंगे एवं उल्लंघन की स्थिति में मोटर वाहन अधिनियम के साथ-साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अधीन संबंधित चालक एवं वाहन स्वामी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी.
जिला प्रशासन द्वारा वाहन मालिकों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं बरती जाने वाली सावधानियां संबंधी पंपलेट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका वितरण यात्रियों के बीच किया जाएगा.
जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि बस स्टैंड और टैक्सी स्टैंडों पर अनाउंसमेंट सिस्टम की व्यवस्था हो ताकि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव संबंधित उपायों को प्रसारित किया जा सके. इसके साथ ही, लोगों को भीड़ न लगाने, यत्र-तत्र न थूकने, मास्क पहनने आदि की हिदायत अनाउंसमेंट सिस्टम द्वारा दी जाएगी.
नगर निकायों को यह निर्देश है कि वे बस स्टैंडों पर आवश्यक साफ-सफाई एवं सैनिटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित कराए.
यात्रियों के लिए भी निर्देश जारी किए गए है. यात्रियों को वाहनों में सफर करते समय मास्क पहनने अथवा मुंह को ढक कर रखना होगा. बिना मास्क पहने बस में सफर की अनुमति नहीं होगी. वाहनों में चढ़ने से पूर्व सैनिटाइजर का उपयोग करना जरूरी होगा.
यात्रियों को निर्देश दिया गया है कि वे वाहनों की रेलिंग का उपयोग कम से कम करें तथा वाहनों में चढ़ते उतरते समय भीड़ नहीं लगाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें. उनके लिए वाहनों के अंदर पान, खैनी, तंबाकू, गुटका आदि का उपयोग वर्जित होगा और पकड़े जाने पर वे दंड के भागी होंगे.
बस स्टैंड या टैक्सी स्टैन्ड में यत्र तत्र थूकना वर्जित होगा तथा पकड़े जाने पर वे दंड के भागी होंगे एवं उनपर कानूनी कार्यवाही की जाएगी.
65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाओं को भी सलाह दी गई है कि यदि चिकित्सा संबंधी या अन्य आवश्यक कारण न हों, तो वे बसों में सफर बिल्कुल ना करें.