आखिर बिहार में लगातार सक्रिय क्यों हैं RSS चीफ मोहन भागवत
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) बिहार दौरे पर हैं, वह शुक्रवार को चार दिनों के बिहार दौरे पर पहुंचे हैं. 26 नवंबर को उन्होंने बक्सर (Buxar) में संत स्व. मामाजी (Saint Mama Ji) के स्मरण में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत किया. इसके बाद शनिवार को पटना में राजेंद्र नगर स्थित विजय निकेतन में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 27 नवंबर को वे सुबह छपरा के मलखाचक में स्वतंत्रता सेनानियों के स्मरण में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे. भागवत यहां स्वतंत्रता सेनानी भगवान सिंह की प्रतिमा का अनावरण करेंगे.
बिहार दौरे के चौथे और अंतिम दिन 28 नवंबर को मिथिला प्रवास पर रहेंगे. वो दरभंगा और मधुबनी में संघ से जुड़े खास कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इस दौरान वो दरभंगा राज परिवार के अतिथि होंगे और कामेश्वर नगर स्थित रामबाग पैलेस परिसर में रहेंगे. संघ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत 28 नवंबर को दरभंगा में स्वयं सेवकों को संबोधित करेंगे. कामेश्वर नगर के नागेंद्र झा स्टेडियम में इसकी तैयारी की जा रही है.
राज्य के चार प्रमुख शहरों में जाना अहम
मोहन भागवत इससे पहले 8 अक्टूबर को बक्सर सनातन संस्कृति समागम में पहुंचे थे. जून में वो मधुबनी आये थे और पिछले सप्ताह बक्सर. अब एक बार फिर से उनका बिहार आना और राज्य के चार प्रमुख शहरों में जाना काफी अहम माना जा रहा है. बक्सर पहुंचे मोहन भागवत ने भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र का उल्लेख करते हुए कहा था-इच्छा पूरी करने के कर्म करना पड़ता है. त्याग और पुरुषार्थ करना पड़ता है.
संघ को करना है बिहार में विस्तार
मोहन भागवत पिछले कुछ दिनों से लगातार बिहार में सक्रिय हैं. इनकी सक्रियता जमीन पर भी दिख रही है. एक आंकडे के मुताबिक 2021 में जहां 1033 जगहों पर 1406 संघ की शाखाएं लगती थी अब 2022 में 1075 स्थानों पर 1476 संघ की शाखाएं लग रही है. संघ की शाखाओं में बड़ी संख्या में लोग जा रहे हैं. इसके साथ ही संघ राष्टवाद को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यक्रमों का भी आयोजन कर रही.
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कुढ़नी चुनाव पर पड़ सकता है असर
संघ प्रमुख के एक माह में दो दौरे होने पर बिहार के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने कहा- ऐसा नहीं है महागठबंधन सरकार बनने के बाद ही उनके दौरे हो रहे हैं. संघ प्रमुख का कार्यक्रम पहले से तय होता है. नीतीश कुमार के शासन काल में भी संघ ने अपना विस्तार किया. हां जब बिहार में लालू यादव की सरकार थी तब यहां संघ को ज्यादा स्पेस नहीं मिल पाता था. अब बीजेपी के अलग होने के बाद संघ अगर सक्रिय हुई है तो जाहिर है वह बीजेपी की जमीन मजबूत करना चाहेगी. मोहन भागवत के दौरे का असर कुढ़नी चुनाव में भी पर सकता है.
(इनपुट-न्यूज)