भागलपुर: सरकारी अस्पताल में केन्द्रीय मंत्री के भाई की मौत, डॉक्टर थे गायब
भागलपुर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने की वजह से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के भाई की मौत (Death of Union minister Ashwini Choubey’s brother) हो गई है. शुक्रवार शाम 65 वर्षीय निर्मल चौबे की मौत स्थानीय जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Jawaharlal Nehru Medical College Hospital) में हो गई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अभी भागलपुर में नहीं हैं.
उनके परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया और कहा है कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने की वजह से निर्मल चौबे का सही समय पर इलाज नहीं हो सका. इस कारण उनकी मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया है.
जानकारी के मुताबिक, आर्मी से रिटायर्ड अश्विनी चौबे के भाई निर्मल चौबे की शुक्रवार शाम तबीयत खराब हो गई. उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी. परिजनों ने उन्हें जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (JLNMCH) में ले गए. उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया. लेकिन आईसीयू में उस वक्त डॉक्टर नहीं थे. इस वजह से निर्मल चौबे को समय रहते उन्हें डॉक्टरों का ट्रीटमेंट नहीं मिला जिससे उनकी मौत हो गई.
इस बीच परिजनों ने अस्पताल के सुपरिटेंडेंट का घेराव किया और जोरदार हंगामा किया. लेकिन अभी तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है. परिजनों द्वारा अस्पताल अधीक्षक पर कार्रवाई नहीं होने तक शव नहीं ले जाने की बात की जा रही है.
डीएसपी अजय कुमार चौधरी ने कहा कि हम तभी जांच करेंगे जब शिकायत दर्ज होगी. जिसने भी लापरवाही की होगी, उनके खिलाफ एक्शन होगा. डीएसपी ने कहा कि यदि पीड़ित परिवार ने भी अस्पताल में हंगामा किया होगा और उस वजह से डॉक्टर भागे, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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उधर, अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर असीम दास ने बताया कि मरीज को काफी गंभीर हालत में लाया गया था. पता चला था कि उन्हें हार्ट अटैक आया. अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने उन्हें प्राथमिक इलाज दिया था. जरूरी दवाई भी दी गई. उसके बाद उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. इसी वजह से दो डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है.
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
केंद्रीय मंत्री के भाई की मौत के बाद उनके परिजन राज्य में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. उनका आरोप है कि इस अस्पताल में सीनियर डॉक्टर की मौजूदगी नहीं रहती है. इस कारण यहां हमेशा इस तरह की घटनाएं होती है. अब चूंकि यह मामला केंद्रीय मंत्री के भाई से जुड़ा है तो इस तरह हंगामा हो रहा है. नहीं तो भागलपुर के मायागंज अस्पताल में इस तरह की घटना आम है. मीडिया में मामला तूल पकड़ने के बाद आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है.
(इनपुट-न्यूज)