जिनकी आंखों में है सत्ता का सुरुर, उनका नशा उतरेगा जरुर
बगहा / पटना (TBN – अनुभव सिन्हा)| ऐसा नहीं है कि जन सुराज पदयात्रा (Jan Suraaj Padyatra) सभा में बैठी ये महिलाएं पहली बार आई हों. पर, ऐसा जरूर लगता है कि इस सभा में उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिला तब उस कुंठा को एक रास्ता मिला जो जन सुराज के जरिए उनकी लोकतांत्रिक सहभागिता की गारंटी देता है.
इस तस्वीर को खुद प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने ट्वीट किया है. मौका था बगहा प्रखण्ड भाग 1 और 2 (Bagaha) के उन सदस्यों से मुलाकात का जिनके साथ किशोर ने स्थानीय समस्याओं और तदनुरुप आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक की थी. ये सभी जन सुराज प्रखण्ड समिति के सदस्य हैं और इनके उपर बड़ी जिम्मेदारी है. यह सभा बगहा प्रखण्ड भाग 2 के पतिलार स्थित जन सुराज पदयात्रा कैंप में आयोजित की गई थी.
मुस्लिम आक्रांताओं, मुगलों और अंग्रेजी हुकूमत के कालखण्ड के जो अपशिष्ट हमारे वर्तमान के शासक वर्ग का आभूषण बना हुआ है, ऐसी सभा उसकी नकेल उतारने के लिए काफी है. वो यादें अभी धुंधली नहीं हुई हैं जब गांवों की अपनी मुकम्मल अर्थ व्यवस्था हुआ करती थी. लेकिन आजादी के बाद उन्हें तहस-नहस कर दिया गया. भले अभी यह शुरूआती दौर हो और सत्ता का सुरुर शासक वर्ग के दिल-ओ-दिमाग पर इस कदर हावी हो कि किशोर के इस प्रयास को अहमियत न दी जा रही हो, पर इस चुनौती को स्वीकार कर आगे बढ़ रहे किशोर की वह ताकत है जो धीरे-धीरे एक स्वरुप ले रही है.
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पदयात्रा क्रम ने किशोर ने यह नोटिस किया था कि उत्साहित सहभागियों ने कई बार उनके नाम के जयकार लगाए थे. बैठक में उन्होने ऐसा करने से सदस्यों को मना किया. बैठक में किशोर ने कहा कि नेता का फोटो लगाकर जय जयकार करना आज हर पार्टी का चलन हो गया है, हमे वैसा नहीं करना है. उद्देश्य प्राप्ति की गम्भीरता को सरल शब्दों में समझाने का तरीका ग्रामीणों को किशोर से कनेक्ट कर रहा है.