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राष्ट्रपति ट्रम्प ने की WHO से अमेरिका के हटने की घोषणा

राष्ट्रपति का पद संभालने के पहले ही दिन डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से बाहर निकल रहा है. उन्होंने इसके लिए WHO द्वारा COVID-19 महामारी से निपटने में लापरवाही और सदस्य देशों के अनुचित राजनीतिक प्रभाव का हवाला दिया. इस कदम से WHO को मिलने वाली महत्वपूर्ण फंडिंग में कटौती होगी, क्योंकि अमेरिका इसके सबसे बड़े वित्तीय योगदानकर्ताओं में से एक है.

न्यूयॉर्क / नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (President Donald Trump) ने सोमवार को घोषणा की कि वे अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अलग कर रहे हैं. यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी के साथ संबंधों को खत्म कर रहा है और यह कदम अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ही दिन ट्रम्प ने ली है.

ट्रम्प ने लंबे समय से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आलोचना की है और उनके प्रशासन ने इससे पहले जुलाई 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन से औपचारिक रूप से बाहर निकलने का निर्णय लिया था जब कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) फैल रही थी.

ट्रम्प के कार्यकारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि “चीन (China) के वुहान और अन्य वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से उत्पन्न हुई कोविड-19 महामारी, तत्काल आवश्यक सुधारों को अपनाने में इसकी विफलता, और डब्ल्यूएचओ के सदस्य देशों के अनुचित राजनीतिक प्रभाव से स्वतंत्रता प्रदर्शित करने में इसकी असमर्थता के कारण अमेरिका ने इस संस्थान (WHO) से बाहर निकलने का निर्णय लिया है.”

जब ट्रम्प ने अपने इस आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे थे तो उन्होंने अपने एक सहयोगी से कहा, “यह बहुत बड़ी बात है.” उन्होंने अपने 2020 के फैसले और अपने इस विश्वास की ओर इशारा किया कि अमेरिका अन्य देशों की तुलना में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बहुत अधिक पैसा दे रहा है.

आदेश में यह भी कहा गया है कि WHO अमेरिका से “अनुचित रूप से भारी भुगतान की मांग करता रहता है”.

यह योजना, जो संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की ट्रंप की लंबे समय से की जा रही आलोचना से मेल खाती है, अमेरिकी वैश्विक स्वास्थ्य नीति में एक बड़ा बदलाव लाएगी. इससे अमेरिका महामारी से लड़ने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों से अलग हो जाएगा.

ट्रम्प ने डबल्यूएचओ (WHO) के कई आलोचकों को स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है. इनमें वैक्सीन पर संदेह रखने वाले रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर भी शामिल हैं, जो स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव का पद संभालने के लिए खड़े हैं. यह पद सीडीसी (CDC) और एफडीए (FDA) जैसे प्रमुख अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियों की देखरेख करता है.

बता डें, इससे पहले ट्रंप ने 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से एक साल तक वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन छह महीने बाद उनके उत्तराधिकारी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने ट्रंप के फैसले को पलट दिया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने तर्क दिया है कि WHO ने कोविड-19 के शुरुआती फैलाव के लिए चीन को जिम्मेदार नहीं ठहराया. उन्होंने बार-बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बीजिंग का कठपुतली कहा और यह कसम खाई है कि वे अमेरिका के योगदान को घरेलू स्वास्थ्य पहलों की ओर मोड़ेंगे.

WHO के प्रवक्ता ने अमेरिका के इस कदम पर सीधे तौर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन 10 दिसंबर को एक प्रेस वार्ता में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस की मीडिया की टिप्पणियों का हवाला दिया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें चिंता है कि ट्रम्प प्रशासन (Trump administration) संगठन से हट जाएगा.

इधर, आलोचकों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की वापसी वैश्विक रोग निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को कमजोर कर सकती है.