फेक न्यूज मामले में सरेंडर करने वाले यूट्यूबर मनीष कश्यप ने लड़ा था चुनाव
बेतिया / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| तमिलनाडु में मजदूरों पर जानलेवा हमले की फर्जी खबर को लेकर चंपारण पुलिस (Champaran Police) के सामने सरेंडर करने वाले यूट्यूबर मनीष कश्यप (YouTuber Manish Kashyap surrendered in fake news case) ने एक बार 2020 में चुनाव लड़ा था.
जब से मनीष ने बिहार के प्रवासी मजदूरों को कथित तौर पर परेशान करते हुए एक वीडियो साझा किया था, वह बिहार और तमिलनाडु पुलिस (Tamil Nadu Police) की रडार पर थे. इस वायरल वीडियो को एक हजार बार देखा गया और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए.
इससे पहले, यूट्यूबर ने शनिवार को बेतिया जिला के जगदीशपुर थाने में सरेंडर किया जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. मनीष कश्यप ने उस समय पुलिस के सामने सरेंडर किया है, जब बिहार पुलिस उसके घर की कुर्की कर रही थी. यह जानकारी बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने दी.
शनिवार सुबह बिहार पुलिस के ट्वीटर हैन्डल पर खबर आई थी “तमिलनाडु में कामकाजी बिहार के निवासियों के लिए असत्य, भ्रामक एवं उन्माद फ़ैलाने वाले वीडियो को प्रसारित करने एवं आर्थिक अपराध थाना कांड सं0 3/23 तथा 4/23 के अभियुक्त मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस एवं EOU के दबिश के कारण बेतिया के जगदीशपुर थाने में किया आत्मसमर्पण“.
हाईकोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
एफआईआर दर्ज होने के बाद ‘सच तक न्यूज’ के संचालक मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
शनिवार को पुलिस टीम उनके गांव पश्चिम चंपारण के डुमरी महनावा में कुर्की करने पहुंच गई. इसकी सूचना मिलते ही मनीष खुद जगदीशपुर थाने पहुंचे और सरेंडर कर दिया. एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडेय ने बताया कि मनीष के घर में कुर्की की कार्रवाई हो रही है. पुलिस और प्रशासन की टीम ने मनीष कश्यप के घर में मौजूद सारा सामान जब्त कर लिया है. यहां तक कि पुलिस ने खिड़की दरवाजे तक उखाड़ कर जब्त किया है. इस कार्रवाई के दौरान चंपारण रेंज के डीआईजी जयंत कांत के अलावा एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा भी मौजूद रहे.
कौन हैं मनीष कश्यप
मनीष कश्यप ने 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. नामांकन पत्र पर मनीष ने अपना नाम ‘त्रिपुरारी कुमार तिवारी’ बताया था, जो उनका असली नाम है. वैसे, मनीष खुद को ‘बिहार का बेटा’ (Son Of Bihar) बताते हैं.
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9 मार्च 1991 को जन्मे मनीष कश्यप बिहार के चंपारण के रहने वाले हैं. उन्होंने 2009 में कक्षा 12 पास की और बाद में बिहार के महारानी जानकी कुंवर कॉलेज में प्रवेश लिया, जहाँ से उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा पूरी की. यूट्यूबर ने साल 2016 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. बाद में उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो बनाना शुरू किया.
मनीष कश्यप के खिलाफ मामला
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ हिंसा के आरोपों को खारिज करते हुए दहशत फैलाने वाले अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की चेतावनी दी थी. उन्होंने अपने बिहार समकक्ष नीतीश कुमार को भी आश्वस्त किया कि श्रमिकों को कोई नुकसान नहीं होगा.
इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे ने बिहार विधानसभा को हिलाकर रख दिया, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने कार्यवाही को रोक दिया, दावा किया कि तमिलनाडु में हिंदी बोलने के लिए बिहारी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है.
आरोपों की जांच करने वाली बिहार के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति ने भी पुष्टि की कि दक्षिणी राज्य में ऐसा कोई हमला नहीं हुआ था.
इधर शनिवार को बिहार पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मनीष कश्यप से संबंधित पूरी जानकारी दी. इस विज्ञप्ति का पूरा अंश निम्न प्रकार है –
सोशल मीडिया / सोशल न्यूज चैनल पर तमिलनाडु राज्य में बिहार राज्य के कुछ निवासियों के साथ कतिपय हिंसात्मक घटनाओं से संबंधित जान-बूझकर एक षडयंत्र के तहत भ्रामक, अफवाह जनक तथा भड़काने वाले फोटो / वीडियो / Text Message भेज कर आम जनता के बीच उत्तेजना, दुर्भावना और भय के वातावरण कायम करने के आरोपी एवं आर्थिक अपराध थाना काण्ड सं0-03/2023, 04/2023 एवं 05 / 2023 के नामजद अभियुक्त मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के विरुद्ध माननीय न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट निर्गत किया गया था. इनकी गिरफ्तारी हेतु आर्थिक अपराध इकाई में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन किया गया था.
आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीमें राज्य के अंदर तथा राज्य के बाहर- दिल्ली, सोनीपत, हरियाणा आदि कई स्थानों पर कैम्प करते हुए अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु छापामारी की जा रही थी.
इसी क्रम में आज दिनांक 18.03.2023 को सूचना प्राप्त हुई कि अभियुक्त मनीष कश्यप बेतिया की ओर जा रहे हैं. विशेष टीम द्वारा इनकी पीछा करते हुए चकिया चेकपोस्ट पर इंटरसेप्ट किया गया. अभियुक्त मनीष कश्यप वहां से रास्ता बदल कर भागने लगा, तो मोतिहारी एवं बेतिया जिला की पुलिस टीमें भी उसकी खोज में लग गयी. वांछित अभियुक्त मनीष कश्यप के विरुद्ध चल रही लगातार प्रभावशाली छापामारी, उनके आय के श्रोत की जांच एवं संभावित ठिकानों पर कड़ी निगरानी एवं छापामारी से परेशान हो कर आज दिनांक 18.03.2023 को पटना से बेतिया जाने के क्रम में आर्थिक अपराध इकाई की टीम एवं जिला पुलिस के द्वारा कई स्थानों पर की जा रही छापामारी एवं नाकाबंदी को देख कर अभियुक्त मनीष कश्यप ने पुलिस गिरफ्तारी के भय के कारण बेतिया जिला के जगदीशपुर ओ0पी0 में आत्मसमर्पण कर दिया.
उल्लेखनीय है कि अभियुक्त मनीष कश्यप के विरुद्ध मझौलिया (बेतिया) थाना काण्ड संख्या – 193 / 2021 में आज कुर्की जप्ती की कार्रवाई की जा रही थी.
अभियुक्त मनीष कश्यप से आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम पूछ-ताछ कर रही है. तमिलनाडु पुलिस की विशेष टीम भी अभियुक्त से पूछताछ कर रही है.
अभियुक्त मनीष कश्यप पर अबतक दस कांड दर्ज होने की सूचना है. जिसमें पुलिस पर हमला एवं सामप्रदायिक पोस्ट और गतिविधियों में संलिप्त होना शामिल है.
पूर्व में मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के 04 बैंक खातों में उपलब्ध राशि को Freeze कराया जा चुका है, जिनमें एस०बी०आई० बैंक के 01 खाता में उपलब्ध राशि 3,37,496 / रुपये, IDFC बैंक के 01 खाता में उपलब्ध राशि 51,069 / रुपये, HDFC बैंक के 01 खाता में उपलब्ध राशि 3,37,463 / रुपये तथा SACHTAK Foundation के HDFC बैंक के 01 खाता में उपलब्ध राशि 34,85,909 / रुपये, कुल 42,11,937 / रुपये हैं.
मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता के साक्ष्य मिले हैं, जिन पर गहन अनुसंधान किया जा रहा है.
अनुसंधान के क्रम में यह बात भी सामने आयी है कि अभियुक्त मनीष कश्यप द्वारा पटना के विभिन्न कोचिंग संस्थानों को अपने पक्ष में Branding कराने हेतु पटना के कई Advertiser के माध्यम से अवैध तरीके से बिना अनुमति लिये होर्डिग्स लगाये गये हैं. इस संबंध में विधि-सम्मत कार्रवाई करने हेतु पटना नगर निगम एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना को पत्र भेजा गया है.
काण्ड का अग्रतर अनुसंधान जारी है.
अभियुक्त मनीष कश्यप को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा एवं पूछ-ताछ करने हेतु पुलिस रिमाण्ड में देने हेतु माननीय न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा. उनके विरुद्ध प्रतिवेदित सभी काण्डों का अनुसंधान ससमय पूरा करते हुए विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से ससमय विचारण कराया जाएगा.