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यशवंत सिन्हा होंगे राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार (joint opposition candidate for President polls) बनाया गया है.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए संसद भवन में एकत्र हुए विपक्षी नेताओं ने सर्वसम्मति से सिन्हा के नाम पर सहमति व्यक्त की. भाजपा ने अभी तक जुलाई के चुनावों के लिए अपने चयन की घोषणा नहीं की है.

कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश (Congress’s communication chief Jairam Ramesh) ने विपक्ष के एक संयुक्त बयान को पढ़ते हुए कहा, “आगामी राष्ट्रपति चुनावों में हमने एक आम उम्मीदवार का चुनाव करने और मोदी सरकार को और नुकसान करने से रोकने का फैसला किया है. आज हुई एक बैठक में हमने यशवंत सिन्हा को एक आम उम्मीदवार के रूप में चुना है. हम सभी राजनीतिक दलों से यशवंत सिन्हा को वोट करने की अपील करते हैं.”

संयुक्त बयान में भाजपा और उसके सहयोगियों से यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की गई ताकि देश में एक योग्य राष्ट्रपति निर्विरोध निर्वाचित हो सके. यशवंत सिन्हा के प्रचार के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.

रमेश ने कहा, “हमें खेद है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया”. संयुक्त बयान को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए जाली विपक्षी दलों की एकता आने वाले महीनों में और मजबूत होगी.

इससे पहले दिन में, तृणमूल नेता सिन्हा ने अपनी उम्मीदवारी के बारे में बड़ा संकेत दिया था, जब उन्होंने कहा कि उन्हें विपक्षी एकता के लिए काम करने के लिए पार्टी से अलग हट जाना चाहिए.

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तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा ने ट्वीट में कहा, “मैं ममता जी का आभारी हूं कि उन्होंने टीएमसी में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी है. अब एक समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय कारण के लिए मुझे अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करने के लिए पार्टी से हट जाना चाहिए. मुझे यकीन है कि वह इस बात को स्वीकार करेंगी”.

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पहले राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ने से इनकार कर दिया था.

भाजपा मंगलवार को अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक भी करेगी जहां उसके राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी पसंद को अंतिम रूप देने की संभावना है.

बताते चलें, नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हुई थी. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है. अगर जरूरी हुआ तो चुनाव 18 जुलाई और मतगणना जुलाई को होगी.