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क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात पर नीतीश आगे बढ़ने का साहस करेंगे : कांग्रेस

नई दिल्ली / पटना (The Bihar Now डेस्क)| भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराने के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) वास्तव में इस मुद्दे पर बात करेंगे.

उन्होंने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए दबाव नहीं डालने के लिए एनडीए सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (NDA partner Telugu Desam Party) पर भी सवाल उठाया.

रमेश ने एक्स (X) पर एक पोस्ट में कहा, “जेडीयू ने बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा और केंद्रीय सहायता की मांग दोहराते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. क्या मुख्यमंत्री अपने राज्य कैबिनेट से भी ऐसा प्रस्ताव पारित करने का साहस जुटाएंगे? क्या बिहार के मुख्यमंत्री इस बात पर अमल करेंगे?”

उन्होंने कहा, “और अपनी नई पारी में टीडीपी के बारे में क्या? उसने अभी तक आंध्र प्रदेश के लिए ऐसा कोई प्रस्ताव पारित क्यों नहीं किया है, जिस वादे पर 30 अप्रैल 2014 को पवित्र शहर तिरूपति में गैर-जैविक प्रधानमंत्री ने जोर दिया था.”

बता दें, जदयू ने शनिवार को राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा को अपना कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के गठन में पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए केंद्र से बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा या विशेष पैकेज पर विचार करने का आग्रह किया.

जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी को “ज्वलंत मुद्दे” के रूप में चिह्नित किया गया. जदयू के राजनीतिक प्रस्ताव में यह विश्वास जताया गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार इन मुद्दों को कंट्रोल करने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाएगी. पार्टी के प्रस्ताव में पेपर लीक मामलों की व्यापक जांच का आह्वान किया गया.

बीजेपी की बढ़ी टेंशन

बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे के ऐतिहासिक प्रयास के विकल्प के रूप में एक विशेष पैकेज को शामिल करने के जद (यू) के इस निर्णय ने मोदी सरकार को असमंजस में डाल दिया है क्योंकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए किसी भी अन्य राज्य के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने से इंकार किया हुआ है. इस मांग के कारण मोदी सरकार की टेंशन भी बढ़ चुकी है.