आय के मामले में राज्य के किसान 28वें स्थान पर क्यों ? – सुशील मोदी
· तीन कृषि रोडमैप खेती की स्थिति सुधारने में विफल,
· हर भारतीय की थाली में बिहारी व्यंजन, अलग कृषि फीडर के वादे क्या हुए ?
· बिहार के किसानों की औसत प्रति व्यक्ति आय मात्र 7,542 रुपये क्यों ?
· कृषि रोडमैप की विफलता पर श्वेत पत्र जारी करें नीतीश कुमार
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Former Deputy Chief Minister Sushil Kumar Modi) ने कहा कि नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि तीन कृषि रोडमैप लागू होने के बाद भी बिहार के किसान (farmers of Bihar) आय के मामले में 28 वें स्थान पर क्यों हैं?
राज्यसभा सांसद ने कहा कि तीन कृषि रोड मैप पर लगभग 3 लाख करोड़ खर्च करने के बाद भी खाद्यान्न उत्पादन दोगुना करने जैसे कई लक्ष्य पूरे क्यों नहीं हुए? हर भारतीय की थाली में एक बिहारी व्यंजन पहुँचाने का जो सपना दिखाया गया था, उसका क्या हुआ?
मोदी ने कहा कि पंजाब के किसानों की औसत आय 26,700 रुपये है, जबकि बिहार के किसानों की औसत प्रति व्यक्ति आय मात्र 7,542 रुपये है. आय के मामले में बिहार के किसान देश में 28 वें स्थान पर क्यों हैं?
उन्होंने कहा कि तीसरे कृषि रोडमैप पर पांच साल में 1.54 लाख करोड़ खर्च करने का लक्ष्य था और जब सरकार एक लाख करोड़ भी खर्च नहीं कर पायी, तब चौथे कृषि रोडमैप पर 1.62लाख करोड़ खर्च करने के लक्ष्य का कोई औचित्य नहीं था.
मोदी ने कहा कि तीसरे कृषि रोडमैप में जैविक कोरीडोर का निर्माण, हर खेत तक बिजली पहुँचाने, बंद नलकूप चालू कराने और अलग कृषि फीडर लगा कर 8 लाख नये सिंचाई कनेक्शन देने जैसे लक्ष्य क्यों नहीं पूरे हुए?
उन्होंने कहा कि तीन कृषि रोडमैप लागू करने में नीतीश सरकार की विफलता के कारण सभी पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण नहीं हुआ. किसानों को 1600-1700 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर धान बेचना पड़ रहा है और अधिकतर चावल मिलें बंद हो गईं.
मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार निहित स्वार्थों के इतने दबाव में है कि वह किसी योजना या रोडमैप को ईमानदारी से लागू करने की क्षमता खो चुकी है.