Raju सिंह के मंत्री बनने पर VIP की नाराजगी, कैबिनेट विस्तार को बताया दिखावा
मुजफ्फरपुर (The Bihar Now डेस्क)| बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2025) नजदीक आने से पहले नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) के विस्तार को लेकर सियासी माहौल गरम हो गया है. इस विस्तार पर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेता और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनकी पार्टी ने नीतीश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह विस्तार केवल दिखावा है और इसका आम जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलने वाला.
वीआईपी का बीजेपी पर आरोप
वीआईपी ने आरोप लगाया कि साहेबगंज से विधायक (Sahebganj MLA) राजू सिंह, जो पहले वीआईपी पार्टी में थे, ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया. पार्टी का दावा है कि राजू सिंह ने पिछड़े वर्ग के वोटों का फायदा उठाकर चुनाव जीता था, लेकिन मंत्री पद के लालच में उन्होंने पार्टी को ही तोड़ दिया. अब बीजेपी ने उन्हें मंत्री बना दिया है, जो जनता के साथ धोखा है.
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वीआईपी ने कैबिनेट विस्तार को बताया दिखावटी कदम
वीआईपी ने मंगलवार को हुए बिहार कैबिनेट विस्तार को “आई वॉश” यानी मात्र दिखावे की कार्रवाई बताया. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में साहेबगंज के मतदाताओं ने राजू सिंह को वीआईपी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में जिताया था. लोगों ने अपनी मेहनत, भरोसे और संघर्ष के बल पर उन्हें विधायक बनाया, लेकिन एक मंत्री पद की खातिर उन्होंने अपनी ही पार्टी से गद्दारी कर दी.
जनता आगामी चुनाव में जवाब देगी – वीआईपी प्रवक्ता
वीआईपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि राजू सिंह ने पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के मतदाताओं के साथ धोखा किया है, जिसे जनता भूलने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि सिर्फ साहेबगंज ही नहीं, बल्कि पूरा बिहार आने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए की इस राजनीतिक चालबाजी का जवाब देगा और इनकी साजिशों का बदला लेगा.
बीजेपी में जाने के बाद मंत्री बने राजू सिंह
गौरतलब है कि नीतीश सरकार में मंत्री बनाए गए राजू सिंह ने 2020 के विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर जिले की साहेबगंज सीट से वीआईपी के टिकट पर जीत हासिल की थी. लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली, जिसके बाद अब उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया है.
वीआईपी ने इस घटनाक्रम को बिहार की राजनीति में पिछड़े वर्ग के मतदाताओं के साथ विश्वासघात करार दिया और नीतीश सरकार के इस फैसले की आलोचना की.