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बिहार सरकार के तीन कदम ने इसे बनाया देश में अव्वल – मोदी

पटना (TBN रिपोर्ट) | प्रवासियों को 1-1 हजार की मदद, स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन तथा घर-घर जाकर प्लस पोलियो की तर्ज पर व्यापक सर्वेक्षण, स्क्रीनिंग कर संक्रमितों की पहचान करना – इन तीन कदमों ने बिहार को कोरोना (Covid-19) संक्रमण की लड़ाई में देश में पहले नंबर पर खड़ा कर दिया है. यह कहना है राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi Deputy CM Bihar) ने कहा.

शनिवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने वैश्विक महामारी कोरोना (Corona Pandemic) का मजबूती से मुकाबला किया है. इसी का नतीजा है कि दूसरे राज्यों की तुलना में आबादी के अनुपात में बिहार में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या मात्र 85 और मरने वालों की तादाद केवल 02 तक सीमित है. उन्होंने बताया कि बिहार का अनुसरण करते हुए झारखंड ने जहां योजना प्रारंभ की है वहीं उत्तर प्रदेश, प. बंगाल और उड़ीसा भी शुरूआत करने की तैयारी में हैं.

मोदी ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने कोरोना की लड़ाई में सबसे पहले चिकित्सकों,नर्सों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन देने का निर्णय लिया जिससे कोरोना योद्धाओं के मनोबल को बढ़ाने में सफलता मिली. चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत का ही नतीजा रहा कि बिहार में अब तक 37 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट चुके हैं.

बिहार देश का पहला राज्य है जिसने दूसरे राज्यों में रुके प्रवासी बिहारियों के खाते में आपदा राहत कोष से विशेष सहायता के तौर पर 1-1 हजार रुपये भेजने का निर्णय लिया. अब तक आए करीब 16 लाख आवेदनों में से 11 लाख से ज्यादा प्रवासियों के खाते में राशि भेज दी गयी है.

बिहार इस मामले में भी देश का पहला राज्य है, जहां पल्स पोलियों की तर्ज पर राज्य के हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित चार जिलों में 01 मार्च से पहले विदेश से आए व्यक्ति के गांवों को चिन्हित कर करीब 20 हजार गांवों के एक-एक व्यक्ति और पॉजिटिव पाए गए मरीजों के घर के 3 किमी के दायरे की आबादी की सघन स्क्रीनिंग कराने में सफल रहा है.