तेजस्वी ने नीतीश को ‘युवाओं का वर्तमान और भविष्य बर्बाद’ करने वाला कहा
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी विधायक तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर जमकर कटाक्ष किया है. उन्होंने नीतीश कुमार को “युवाओं का वर्तमान और भविष्य बर्बाद” करने वाला कहकर संबोधित किया है.
तेजस्वी ने नीतीश से कहा है कि वो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना डरे बेरोजगारी, पलायन और रोजगार सृजन जैसे सबसे अधिक प्रासंगिक और ज्वलंत मुद्दे पर ईमानदारी से बोलें. उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी दर सबसे अधिक, 46.6% है जिसका अर्थ यह है कि बिहार का हर दूसरा युवा बेरोजगार है. 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा में बेरोजगारी दर इससे भी अधिक है.
नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश से कहा कि बिहार में जिन मुट्ठीभर लोगों के पास संविदा के नाम पर रोजगार है, वे भी उसे नियमित किए जाने की माँग को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार में जिन लोगों ने परीक्षा दी वो उसके नतीजों के लिए और जिनके नतीजे आ गए है, वे बहाली के लिए सड़कों पर आवाज़ उठा रहे हैं.
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सरकार 15 साल से रोजगार मिटाने के लिए एक भी सुदृढ़ नीति नहीं बना पाई. उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रोजगार देना तो बहुत दूर की बात है, नियोजन के नाम पर यह सरकार एक तिहाई वेतन पर समान कार्य करवा कर सरकार नियोजित कर्मियों का शोषण कर रही है. नियमित नौकरियों में इतना भ्रष्टाचार और घूसखोरी है कि कोई योग्य विद्यार्थी इसमें अपनी जगह बना ही नहीं पाता है.
15 वर्षों में बिहार में कोई उद्योग नहीं लगे, कोई पूंजी निवेश नहीं हुआ, निजी संगठित क्षेत्र के रोजगार और नौकरियों के अवसर उत्पन्न हुए ही नहीं, कुटीर और घरेलू उद्योगों के लिए सरकारी अनुदान और प्रोत्साहन राशि पाने में घूसखोरी, अफसरशाही और लाल फीताशाही की इतनी दीवारें हैं कि बिना भाई भतीजावाद और रिश्वत के इसे पाना असंभव है.
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि रोजगार सृजन के मुद्दे पर वो जनता के सामने आएँ और बताएँ कि क्यों इतना लंबा कार्यकाल व अनुभव के बावजूद उन्होंने नौकरियों के लिए कुछ नहीं किया.
तेजस्वी ने नीतीश से पूछा कि क्यों 15 साल की लंबी अवधि तक शासन करने के बावजूद उन्हें बचकाने बहाने और ध्यान भटकाऊ हथकंडों के पीछे छुपना पड़ रहा है? क्यों दो पीढ़ियों की प्रतिभा, सम्भावना और योग्यता को आपने अपनी शिथिल, पलटीमार और विकल्पहीन राजनीति से लील दिया?