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बाहर फंसे बच्चों के मामले में सरकार का असली चेहरा सामने – तेजस्वी

पटना (TBN रिपोर्ट) | बिहार विधान मंडल में विपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ तो नीतीश जी सम्पूर्ण लॉकडाउन की बात करते हैं और कहते हैं कि राजस्थान के कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को अभी वापस नहीं लाएंगे. वहीं दूसरी ओर एक विधायक सहित कई वीआईपी एवं ऑफिसरों को उनके बेटों को बिहार के बाहर से वापस लाने के लिए गुप्त रूप से पास निर्गत कर रहे हैं. यह सरासर नाइंसाफी है.

तेजस्वी ने हिसुआ के विधायक, अनिल सिंह के बेटे कोकोटा से वापस बिहार लाने के लिए इशू किए गए पास को दिखाया. तेजस्वी ने कहा कि “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी यूपी के CM को लॉकडाउन के नियमों और उद्देश्यों का पाठ पढ़ाते हुए कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी. यह मर्यादा के विरुद्ध है”.

तेजस्वी ने आरोप लगाए कि नीतीश कुमार ने अपने समर्थक विधायक को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे दी है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए हैं. बिहार सरकार द्वारा प्रभावशाली ख़ास लोगों के बच्चों को चुपचाप बिहार में बुलाया गया है. लेकिन जब साधारण छात्रों और आम बिहारवासियों के बच्चों की बात आयी तो नीतीश कुमार मर्यादा और नियमों का हवाला देने लगे.

तेजस्वी ने आगे कहा कि “इसलिए हम लगातार सरकार से सवाल कर रहे है क्योंकि हम सत्ता में बैठे लोगों की दोहरी नीति से अच्छी तरह वाक़िफ़ है. महामारी और विपदा की घड़ी में भी ये लोग आम और ख़ास का वर्गीकरण कर राजनीति कर रहे है. ग़रीबों के साथ अन्याय क्यों? मज़दूरों के साथ बेरुख़ी क्यों? अब सरकार का असली चेहरा लोगों के सामने आ रहा है”.

इधर मीडिया एवं तेजस्वी के आरोप पर भाजपा विधायक अनिल सिंह ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे विधायक बाद में है, पहले वे एक पिता भी है.