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सरकार बनी तो नौकरी में बिहारी युवाओं को 85 प्रतिशत आरक्षण – तेजस्वी 

पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट)- बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां बिहार की जनता को लुभाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं. राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी यात्राओं, रैलियों, सभाओं और जनता से वादों का सिलसिला लगातार जारी है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू  यादव के बाद उनकी पार्टी की कमान संभाल रहे उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव भी बिहार के चुनावी मैदान में अपना सिक्का ज़माने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

“बेरोजगारी हटाओ यात्रा” यात्रा का शुभारम्भ करते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि “यदि बिहार में हमारी सरकार बनी तो सभी बहाली में प्रदेश के युवकों के लिए 85 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी”. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “सरकार यदि युवकों को रोजगार दे दे तो वह अपनी यात्रा रोक सकते हैं”. आगे राजद सुप्रीमो और अपने पिता के नाम को लेते हुए उन्होंने कहा कि “लालू प्रसाद के जिंदा रहते एनपीआर, एनआरसी और सीएए जैसा कानून बिहार की जमीन पर नहीं उतर सकता. यह सब बेरोजगारी और महंगाई जैसे मसलों से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है”.

बेरोजगारी पर बोलते हुए तेजस्वी यादव ने बिहार में बेरोजारी के आंकड़ों का खुलासा करते हुए कहा कि “बिहार में 11.47 प्रतिशत बेरोजगारी दर है जो देश में सबसे अधिक है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 साल बनाम 15 साल की बात करते हैं. लालू प्रसाद जब यूपीए सरकार में थे उस समय प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए इतना पैसा दिया कि उस समय की बनी सड़कों की मरम्मत नहीं करा पा रही है सरकार. जब लालू प्रसाद ने सत्ता संभाली थी तो स्टेशन और गांधी मैदान तक गिरवी था. बावजूद संयुक्त बिहार में सात नये विश्वविद्यालय खोले. कई नये जिले और ब्लॉक बने, बिक्रमशीला जैसे बड़े पुल बने, लाखों शिक्षकों और सिपाही की स्थाई बहाली हुई. गरीबों और पिछड़ों को सदन तक पहुंचाया. अंतरराष्ट्रीय मैच भी हुआ.

बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने  कहा कि “ज्योंही केन्द्र में एनडीए आई तो विकास रोकने के लिए बिहार से दर्जनभर मंत्री केन्द्र में बनाये गये. नीतीश कुमार भी उसमें थे. फंसाने की साजिश हुई और मुकदमे किये गये. आज बिहार में पैदा लेने वाला बच्चा भी एक लाख 35 हजार कर्ज के साथ आता है. वर्ष 2004 में हर व्यक्ति पर कर्ज मात्र पांच हजार से भी कम था. फिर भी कुछ गलती हो सकती है, जिसे मैं स्वीकारता हूं. अब नया जमाना आया, नया बिहार बनाना है”. तेजस्वी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को सन्देश देते हुए कहा कि “आगे बढ़ाना है तो कृष्ण बनकर सुदामा का पैर धोना और राम बनकर सबरी का बेर खाना सीखना होगा.

बिहार की जनता के बीच और राजनीति के गलियारे में दोनों भाइयों के आपस में मतभेद की खबरें आती रही हैं. लेकिन तेजप्रताप के द्वारा किये गए एक ट्वीट ने ये साफ़ कर दिया है कि उनके परिवार में सब कुछ सामान्य है.

तेजप्रताप यादव ने अपने ट्वीट में लिखा “आपकी पलटी-मारी से त्रस्त है बिहार. अब बिहारियों को चाहिए तेज रफ्तार-तेजस्वी सरकार.” इसके साथ पोस्टर में तेजप्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव के साथ लालू प्रसाद यादव की तस्वीर भी दिखाई दे रही थी.