तेजस्वी का नीतीश सरकार पर आरोपों की बौछार
पटना (The Bihar Now डेस्क)| होली के दौरान दो पुलिस अधिकारियों की हत्या और बढ़ते अपराध को लेकर सोमवार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. माहौल इतना गरम था कि दोनों पक्षों के बीच जमकर तकरार देखने को मिली.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद विधायक मुकेश रौशन और भाई वीरेंद्र के बाद, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान, तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अपराध तेजी से बढ़ रहा है, कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और मुख्यमंत्री इस पर बिल्कुल चुप बैठे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है, जिससे वे और भी बेखौफ हो गए हैं.
तेजस्वी ने कहा कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिसकर्मियों को दौड़ाकर मार रहे हैं, जबकि पुलिस खुद को बचाने के लिए भागने पर मजबूर है. अपराधी खुलेआम तांडव मचा रहे हैं, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.
उन्होंने कहा, आज मैंने राज्य की जनता के सामने नीतीश कुमार जी के 20 वर्षों के शासनकाल में अपराध के सरकारी आँकड़े पेश किए. ये आँकड़े भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आधिकारिक रिकॉर्ड पर आधारित हैं.
तेजस्वी ने पत्रकारों को यह बताया –
पिछले 20 वर्षों में बिहार में 60 हजार हत्याएँ हुई हैं. यह कोई छोटा आंकड़ा नहीं है! इसके अलावा, 25 हजार से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएँ दर्ज हुई हैं. हालात इतने बदतर हैं कि पुलिसकर्मियों पर हमले, मारपीट और हत्याएँ भी सबसे ज्यादा इसी शासनकाल में हुई हैं.
अभी हाल ही में, कुछ दिनों के अंदर ही अररिया और मुंगेर में पुलिस अधिकारी (ASI) की हत्या कर दी गई. भागलपुर, नवादा, पटना, मधुबनी और समस्तीपुर में पुलिस टीम पर हमले हुए, जिनमें पुलिसकर्मियों को बुरी तरह पीटा गया.
अगर भोजपुर जिले की बात करें तो सिर्फ कुछ घंटों में 8 लोगों की हत्या कर दी गई. पटना, पूर्णिया और भोजपुर में खुलेआम 25 करोड़ रुपये की लूट हो गई. इसी तरह, जहानाबाद में भी एक बड़ी आपराधिक घटना हुई. और आज खबर आई है कि किशनगंज में SSB (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों को पीटा गया.
अब सवाल उठता है कि बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज़ बची भी है या नहीं? गृहमंत्री कहाँ हैं? क्या वे इस सब पर चुप रहेंगे? ये सवाल तो सरकार से पूछे ही जाएंगे! 20 वर्षों का हिसाब दीजिए!
यह सिर्फ आँकड़ों की बात नहीं है, बल्कि एक सच्चाई है कि इस शासनकाल में 60 हजार हत्याएँ, 25 हजार बलात्कार और सबसे ज्यादा पुलिसकर्मियों की हत्याएँ हुई हैं. इसका जवाब नीतीश कुमार जी को देना होगा.
आज बिहार में कोई भी सुरक्षित नहीं है. मुख्यमंत्री के अपने गृह जिले नालंदा में गोलीबारी हुई, लेकिन उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला! एक निर्दोष बच्ची की निर्मम हत्या कर उसके तलवों में कील ठोंक दी गई, लेकिन इस अमानवीय घटना पर भी मुख्यमंत्री जी चुप हैं!
पुलिसकर्मी, जो जनता की रक्षा के लिए तैनात होते हैं, वे भी खुद सुरक्षित नहीं हैं. हमने चाहा कि इस गंभीर मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा हो, लेकिन सरकार बहस करने से भाग रही है. वे पुलिस जवानों की शहादत पर भी बात नहीं करना चाहते, क्योंकि उनके पास कोई जवाब नहीं है.
यह सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है. मुख्यमंत्री अपराधियों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं. अगर यही हालात किसी और सरकार के दौरान होते, तो हर जगह हंगामा मच गया होता, हर न्यूज़ चैनल पर सिर्फ यही चर्चा होती. लेकिन आज, सब चुप हैं. बिहार की जनता यह सब देख रही है और इसका जवाब जरूर मांगेगी!