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जातीय जनगणना: तेजस्वी ने केंद्र के ‘इनकार’ पर 33 नेताओं को लिखा पत्र

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार की राजनीति पिछले दो दिनों से तेज हो गई है. कारण है, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जाति-आधारित जनगणना कराने से इनकार. इस इनकार के बाद विपक्ष ने बिहार की एनडीए सरकार को घेरने का काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देश के 33 वरिष्ठ नेताओं को पत्र लिखा है.

तेजस्वी ने इन नेताओं को चिट्ठी लिखी है – सोनिया गांधी, प्रकाश सिंह बादल, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, ओम प्रकाश चौटाला, वाईएस जगन मोहन रेड्डी, एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, दीपांकर भट्टाचार्य, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, के चंद्रशेखर राव, अशोक गहलोत, चरणजीत सिंह चन्नी, ओ पनीरसेल्वम, चंद्रशेखर आजाद, अखिलेश यादव, मायावती, सीताराम येचुरी, डी राजा, नवीन पटनायक, नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी, चिराग पासवान, ओम प्रकाश राजवीर, अख्तरुल इमाम, जयंत चौधरी, मौलाना बदरुद्दीन, पी विजयन, भूपेश बघेल और महबूबा मुफ्ती.

इस पत्र के बावत तेजस्वी ने मीडिया को बताया कि केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना पर एक नकारात्मक दृष्टिकोण का विकल्प चुना है. यह देश में समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति के समग्र विकास के लिए आवश्यक है.

तेजस्वी यादव ने पत्र के हवाले से कहा है कि बीजेपी के पास एक भी तार्किक कारण नहीं है कि वह जाति आधारित जनगणना के खिलाफ क्यों है.

एनडीए में दरार ?

इस मामले ने बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को विभाजित कर दिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जनगणना कराने में रुचि व्यक्त की है.

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मोदी सरकार द्वारा जाति-आधारित जनगणना कराने से इनकार के बाद लगता है कि राज्य में एनडीए में भी दरार पड़ गई है. एक तरफ एनडीए का घटक दल बीजेपी जातीय जनगणना के खिलाफ खुल कर सामने आ गई है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना कराने में रुचि व्यक्त की है.

इस मामले में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कथित तौर पर कहा है कि हम जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं और केंद्र को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

बिहार में जातीय जनगणना के लिए मुकेश सहनी देंगे 5 करोड़

वहीं विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी ने बिहार में जाति आधारित जनगणना कराने के लिए 5 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की है. सहनी ने कहा है कि अगर बिहार सरकार अपने खर्च पर राज्य में जाति आधारित जनगणना करने का निर्णय ले रही है, तो हम बिहार सरकार को 5 करोड़ रुपये का दान देंगे. पार्टी के खाते से 4 करोड़ रुपये और मेरे निजी बैंक खाते से 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.

जाति-आधारित जनगणना मामले पर राजनीतिक बयानबाजी के बीच नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि इस मामले को लेकर किसी तरह की राजनीति ना की जाए.