यदि नया कृषि कानून किसानों के पक्ष में तो केंद्र सरकार MSP को लागू क्यों नहीं करती : तेजस्वी
पटना / नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| केंद्र सरकार के नये कृषि कानून को लेकर लगभग समूचे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान पिछले कई दिनों से इस कानून के विरोध में “दिल्ली चलो मार्च अभियान” के तहत देश की राजधानी के सीमाओं पर धरना दिए हुए हैं. वे दिल्ली में घुसना चाह रहे हैं.
किसानों में समर्थन में कई सियासी पार्टियां सामने आ गई हैं और वे सभी इस कानून को लेकर केंद्र सरकार से सवाल कर रही हैं. इसी कड़ीं में आरजेडी नेता व बिहार विधान मंडल के नेता प्रतिपक्ष ने भी केंद्र सरकार से सवाल किया है. तेजस्वी ने पूछा है कि यदि केंद्र सरकार अपने नये कृषि कानून को किसानों के पक्ष का मानती है तो फिर MSP को क्यों नहीं लागू कर रही है?
इस बावत तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि “अगर नए कृषि विधेयक किसानों के पक्ष में है तो सरकार MSP को अनिवार्य रूप से लागू क्यों नहीं करती? हम पूर्णत: किसानों के साथ खड़े है, आगे भी रहेंगे. किसानों को फसल का उचित दाम और न्याय दिलाने के लिए कल सुबह 10 बजे से पटना स्थित गांधी मैदान गांधी मूर्ति के सामने संकल्प लेंगे.”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में भाजपा निशाना साधते हुए लिखा है कि “तेल, रेल, हवाई जहाज, हवाई अड्डे, बंदरगाह, बीएसएनएल, एलआईसी बेचने के बाद भाजपा सरकार अब किसानों की जमीन भी पूंजीपतियों के हाथों बेचने पर तुली है. मोदी सरकार कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण करने को आतुर है.”
इसके अलावा, तेजस्वी यादव ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि “बिहार के किसानों और बिहार के संगठनों से अपील करते हैं कि एकजुट होकर सड़कों पर आएं और इस आंदोलन को मजबूत करें. एग्रीकल्चर सेक्टर को भी प्राइवेट हाथों में सौंपा जा रहा है. हम सब लोगों ने नोटबंदी और GST को भी देखा है, ये सरकार हमेशा आकर कहती है कि फायदे के लिए है लेकिन जब चार-पांच सालों के बाद फायदा पूछा जाता है तो कहने की स्थिति में नहीं होती और मुद्दे से भटकाती है.”
बताते चलें कि नये कृषि कानून को लेकर किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच बातों का दौर चालू है. 1 और 3 दिसम्बर को दो दौर की बात हो चुकी हैं जिसका कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल पाया है. कल यानि 5 दिसम्बर को एक बार फिर दोनों के बीच नये कृषि कानून को लेकर बात होनी है.