तेजस्वी ने नीतीश सरकार को राजस्व घाटे समेत विभिन्न मुद्दों पर घेरा
पटना (TBN रिपोर्ट) :- बिहार में नीतीश सरकार की कार्यशैली को लेकर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार को शराबबंदी से हो रहे राजस्व घाटे, बिहार के बाहर फंसे हुए गरीबों और मजदूरों को वापस लाने समेत कई मुद्दों पर घेरते हुए बयान जारी किया है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य को हो रहे घाटे पर बात करते हुए कहा कि, “नशामुक्ति के हम शुरू से पक्षधर है लेकिन शराबबंदी के नाम पर नीतीश सरकार सालाना 6000 करोड़ का राजस्व घाटा सहने को तैयार है. विगत 4 वर्ष में बिहार को 24000 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है. जल जीवन हरियाली योजना का 24500 करोड़ का बजट है”.
तेजस्वी यादव ने कहा कि, “नीतीश-मोदी की सरकार के पास ग़रीब मज़दूरों को वापस लाने का किराया और संसाधन नहीं है. बाहर फँसे लगभग 40 लाख बिहारियों यानि उनके परिवार सहित लगभग 2 करोड़ लोगों के जीवन की बिहार सरकार को कोई परवाह नहीं. फिर यहाँ किसका जीवन बचाने का कार्यक्रम चला रहे है? क्या ऐसी योजनाओं के नाम पर चुनावी वर्ष में पार्टी फंड जुटा रहे है?
तेजस्वी ने कहा कि “सरकार नशामुक्ति (24000 करोड़ का घाटा), जल-जीवन हरियाली (24500 करोड़) और विज्ञापन के नाम पर (500 करोड़) के नाम पर यानि कुल 49000 करोड़ का घाटा/खर्च वहन कर लेगी लेकिन ग़रीबों का जीवन बचाने का मात्र 500₹ किराया इस संवेदनहीन सरकार के पास नहीं है”.
आगे उन्होंने कहा कि, “15 साल वाली ड़बल इंजन सरकार अप्रवासी बिहारी मज़दूरों को वापस नहीं लाने के दिन-प्रतिदिन बहाने खोज टाल-मटोल कर रही है. 5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे है. कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते है. नीतीश सरकार की मंशा क़तई मज़दूरों को वापस लाने की नहीं है”.