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जब तेजस्वी यादव विकास मॉडल पर चर्चा करते हैं तो हंसी आती है : प्रशांत किशोर

पटना (The Bihar Now डेस्क)| चुनावी रणनीतिकार से नेता बने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर (Jan Suraaj chief Prashant Kishor) ने राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD leader Tejashwi Yadav) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह हास्यास्पद है जब तेजस्वी यादव विकास मॉडल पर चर्चा करते हैं, क्योंकि जिस व्यक्ति की पार्टी 15 वर्षों तक (बिहार में) शासन में थी, उसे नहीं पता कि जीडीपी और विकास दर क्या हैं.

इसके अलावा, प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव के बयानों पर टिप्पणी केवल तभी की जा सकती है जब वे जाति, रंगदारी, शराब माफिया और अपराध पर बात करते हैं, न कि विकास पर.

किशोर ने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब वह सरकार में थे, बिहार उन्हें स्विट्जरलैंड जैसा दिखता था और अब जब वह विपक्ष में हैं, तो राज्य उन्हें गटर जैसा दिखता है.

प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”मैं तेजस्वी यादव की विकास की समझ के बारे में जानता हूं. अगर वह जाति, रंगदारी, शराब माफिया और अपराध पर बोलते हैं तो टिप्पणियां की जा सकती हैं, लेकिन अगर तेजस्वी यादव विकास मॉडल पर चर्चा करते हैं, तो यह हास्यास्पद है. वे 15 वर्षों से सत्ता में रहे हैं, उन्हें पता नहीं है कि जीडीपी और जीडीपी वृद्धि क्या है, और बिहार की विकास कहानी के बारे में बात कर रहे हैं. जब तेजस्वी यादव छह महीने पहले बिहार के डिप्टी सीएम थे उनके लिए स्विट्जरलैंड था और छह महीने बाद बिहार गटर बन गया है, अगर आज नीतीश कुमार महागठबंधन (Mahagathbandhan) में शामिल हो जाते हैं, तो बिहार फिर से उन्हें अच्छा लगने लगेगा.”

राहुल गांधी पर किया हमला

जाति जनगणना पर विचार व्यक्त करते हुए प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता (Congress leader) और लोकसभा में विपक्ष के नेता (Lok Sabha LoP) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर अपने हमले तेज कर दिए और कहा कि इसका कोई रामबाण इलाज नहीं है जब वह कहते हैं कि जाति जनगणना कराने से गरीबी दूर हो सकती है. उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया कि जब उनकी (कांग्रेस) पार्टी पिछले 60 वर्षों में उन्होंने जाति-जनगणना क्यों नहीं करायी?

प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को गरीबी उन्मूलन के लिए कर्नाटक, तेलंगाना आदि कांग्रेस शासित राज्यों में जाति जनगणना कराने की सलाह दी और कहा कि अगर यह सफल हो गया तो अन्य राज्य भी इसी मॉडल का पालन करेंगे.

जाति जनगणना कोई रामबाण नहीं

जातीय जनगणना पर किशोर ने कहा, ”जाति जनगणना होनी चाहिए, इसमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन जब राहुल गांधी कहते हैं कि इससे गरीबी दूर होगी या लोगों की स्थिति बेहतर होगी तो यह कोई रामबाण नहीं है. अगर जाति जनगणना से स्थिति बेहतर हो सकती है तो हमारे पास एससी/एसटी समुदायों पर डेटा है. राहुल गांधी या कोई भी व्यक्ति जो यह कह रहा है, पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि इन समुदायों की स्थिति में अभी तक सुधार क्यों नहीं हुआ है. 60 साल तक कांग्रेस शासन में थी, उन्होंने जाति जनगणना क्यों नहीं कराई? बिहार में क्या उससे गरीबी खत्म हो गई? कांग्रेस को अपने शासन वाले राज्यों जैसे कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में जाति जनगणना करानी चाहिए? और तेलंगाना और गरीबी उन्मूलन में वे सफल होंगे तो हम सब उनके मॉडल का अनुसरण करेंगे. बिहार एक गरीब राज्य है, यह सर्वविदित है और इस उद्देश्य के लिए किसी सर्वेक्षण की आवश्यकता नहीं है, बल्कि राहुल गांधी को स्थिति में सुधार के लिए एक मंत्र प्रदान करना चाहिए.

सभी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

2025 में होने वाले बिहार विधान सभा चुनाव पर बोलते हुए जन सुराज प्रमुख ने बताया कि उनकी बनने वाली पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उनकी पार्टी से 40 महिला उम्मीदवार होंगी.

जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा, ”2025 में जन सुराज 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कम से कम 40 महिला उम्मीदवारों को नामांकित किया जाएगा. हमने यह भी कहा है कि 2030 तक कम से कम 70-80 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा और जन नेता बनाया जाएगा.

प्रशांत किशोर ने रविवार को राजधानी पटना में महिला संवाद (Mahila Samwad) किया. उन्होंने कहा, “यह महिला प्रकोष्ठ की बैठक नहीं थी, यह सही मायने में महिलाओं को नेता बनाने का प्रयास था. जब तक महिलाओं को आर्थिक आजादी नहीं मिल जाती, तब तक उनकी बराबरी की भागीदारी संभव नहीं है. इसलिए जन सुराज का पहला अभियान अगले विधानसभा चुनाव में 40 महिलाओं को जिताना है.”

अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करें, राजनेताओं के लिए नहीं

उन्होंने कहा, “दूसरी चीज जो हमने मांग की है वह यह है कि जो महिलाएं कोई काम करना चाहती हैं या रोजगार करना चाहती हैं उन्हें सरकार से “सरकारी गारंटी” पर पैसा मिलना चाहिए. तीसरी बात यह है कि 2025 में जब जन सुराज सरकार बनी तो 10,000-12,000 रुपये की नौकरी के लिए किसी को बिहार छोड़ने पर मजबूर नहीं होना पड़ेगा. हमने इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया है. आखिरी बात जो हमने उनसे अपील की वह यह है कि वे अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करें, राजनेताओं के लिए नहीं.”

इससे पहले 28 जुलाई को प्रशांत किशोर ने कहा था कि वह 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर एक नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे. उनकी इस घोषणा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अपना राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे.

पटना के बापू सभागार (Bapu Sabhaghar, Patna) में जन सुराज अभियान के दौरान पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को पार्टी की आधारशिला रखी जाएगी और एक लाख से अधिक लोगों को पदाधिकारी बनाकर पार्टी की शुरुआत होगी.

चुनावी रणनीतिकार ने यह भी बताया कि वह पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे बल्कि नेताओं को उनके संबंधित विधानसभा क्षेत्रों से चुना जाएगा. प्रशांत किशोर ने 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव जीतने का भरोसा जताया.