सुशील मोदी के ट्वीट (@SushilModi)
16.02.2020
1. जिस पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला के दोष-सिद्ध अपराधी हैं और जिनके राज में अलकतरा घोटाला हुआ, उसके डीएनए में अनियमितता, कानून का उल्लंघन और भ्रष्टाचार समाया हुआ है।
पार्टी ने बेरोजगारी हटाओ यात्रा के लिए ऐसी हाईटेक बस बुक की, जो बीपीएल-कार्डधारी के नाम पर है, लेकिन पैसा राजद विधायक का लगा है।
बस के जरिये अतिपिछड़ा समाज के व्यक्ति को फँसाने की कोशिश की गई।
वे युवाओं की बेरोजगारी नहीं, सत्ता में वापसी कर अपनी बेरोजगारी दूर करना चाहते हैं।
2. कांग्रेस ने कभी “गरीबी हटाओ” का नारा देकर सत्ता पायी थी, लेकिन उसने गरीबी दूर करने वाले कोई काम नहीं किये।
उसके राज में गैस कनेक्शन के लिए पैरवी करानी पड़ती थी, जबकि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने बिना पैरवी-बिचौलिये के 9 करोड़ गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिये।
कांग्रेस अमीरों को फोन काल पर करोड़ों रुपये का कर्ज बांट कर बैंकों को खोखला करती रही, जबकि हमारी सरकार ने 38 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खुलवाये।
बिहार में जिनके राज में गरीबों को रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ा, उनके वारिस अब “बेरोजगारी हटाओ यात्रा” निकाल कर जनता को धोखा देना चाहते हैं।
3. जो लोग संविधान बचाओ यात्रा की नौटंकी करते हैं, उन्हें इसी संविधान के दायरे में काम करने वाली न्यायपालिका और केंद्रीय जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं है।
वे चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को गुनहगार की बजाय पीड़ित साबित करने के लिए उनके साथ अन्याय होने की बात बार-बार कहते हैं, ताकि यह झूठ ही सच मालूम पड़ने लगे।
क्या न्यायपालिका पर देश का भरोसा तोड़ना संविधान की रक्षा करना है?