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सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण से क्रीमी लेयर हटाने के फैसले का विरोध

supreem kort dvaara aarakshan se kreemee leyar hataane ke phaisale ka virodh

पटना (TBN रिपोर्ट) | बिहार विधानसभा के सभागार में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रंजक की अध्यक्षता में एससी एसटी विधायकों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी.

पिछले 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण से क्रीमी लेयर को हटाने के फैसला का विरोध स्वरूप यह बैठक आयोजित हुई.

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बैठक के बाद सभी विधायकों ने विधानसभा के सामने इस फैसले के खिलाफ तख्ती लेकर नारेबाजी भी की. सुप्रीम कोर्ट विरोधी नारे भी लगाये गये.

न्यायपालिका का आरक्षण पर बार-बार हस्तक्षेप करने के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलकर आरक्षण को 9 वें अनुसूची में डालने की मांग की जायेगी. लाॅकडाउन खत्म होने के बाद यह लड़ाई पूरजोर तरीके  से लड़ने का निर्णय लिया गया और आगामी बैठक 18 मई को फिर विधानसभा में होगी.

बता दें वर्ष 2018 में की गई क्रीमी लेयर की टिप्पणियों के दलित वर्ग में कड़े विरोध के बाद केंद्र ने दिसंबर 2019 मे शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर कर टिप्पणियों को फैसले से हटाने का आग्रह किया था.

https://youtu.be/5k5u7ziXBQ8

सरकार ने कहा था ये मामला सात जजों की बेंच को भेजा जाए क्योंकि एससी-एसटी वर्ग में क्रीमी लेयर नहीं लागू की जा सकती. उनका आर्थिक रूप से सशक्त होना भी उनसे दलित होने का दाग नहीं मिटा पा रहा है.

सरकार की यह याचिका शीर्ष कोर्ट में लंबित है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने उसे सात जजों की बड़ी बेंच को भेजने पर विचार करने की सहमति दी है.

अब तक क्रीमी लेयर का सिद्धांत अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी में ही लागू होता है. पिछले 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण से क्रीमी लेयर को हटाने के फैसला लिया है.