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कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को घर वापसी का दिलाया भरोसा

पटना (TBN रिपोर्ट)  :- लॉकडाउन के चलते राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्रों का मुद्दा गर्माता जा रहा है. विपक्ष के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत सभी राजनीतिक दल बाहरी राज्यों में फंसे हुए लोगों को लेकर सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं. यहाँ तक कि इस मुद्दे को लेकर आरएलएसपी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी उपवास कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. वहीँ बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा ने कोटा मामले पर छात्रों को भरोसा दिलाते हुए घर बापसी का वादा किया है.

इस मामले के बारे बात करते हुए बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि, “राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्र सरकार की पहली प्राथमिकता में हैं. लॉकडाउन खत्म होते ही सबसे पहले कोटा से बच्चों को लाया जाएगा”. आगे उन्होंने कहा कि, “बाहर के राज्यों में बिहार के 17 लाख लोग हैं और सरकार का ध्यान इन पर भी है. सरकार इनकी भलाई और कल्याण के लिए बराबर सोच रही है”.

मंत्री संजय झा ने कहा कि, “लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है. उसके बाद सरकार पहली प्राथमिकता के तहत कोटा में फंसे बच्चों को घर लाने का काम करेगी. वहीं उन्होनें कहा कि, “बिहार सरकार बाहर फंसे या बिहार पहुंचे मजदूरों और कोटा में फंसे छात्रों के बारे में लगातार सोच रही है. जो भी मजदूर बाहर से आया है, उनके काम का इंतजाम किया जा रहा है, कई मजदूर काम पर लग भी गए हैं. जिनका जॉब कार्ड नहीं आया है, उनका बनाया जा रहा है, ताकि उनकी मदद हो सके.

इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि,  “लॉकडाउन खुलते ही जो भी लोग बाहर से आएंगे, उनके काम का इंतजाम होगा. बिहार सरकार ने अब तक मजदूरों के लिए छह हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं. इसके साथ ही 20 लाख से ज्यादा मजदूरों के खाते में पैसा जाएगा. जो मजदूर प्रदेश से बाहर हैं, उनके खाते में भी पैसा डाला जा रहा है”.

बता दें देश में लॉकडाउन के चलते बिहार के 17 लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. बिहार के करीब 11 हजार छात्र और छात्राएं राजस्थान के कोटा में भी फंसे हैं. अब उन्होंने घर वापसी के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वहीँ बिहार सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में जानकारी दी कि दूसरे राज्यों में फंसे राज्य के 17 लाख से ज्यादा लोगों को फिलहाल वापस नहीं ला सकते. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उन लोगों को सहायता के तौर पर भोजन, राशन और रुपये दिए जा रहे हैं.