सीताराम येचुरी नहीं रहे, निमोनिया के कारण हुआ निधन
नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (Communist Party of India (Marxist)) के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) का निमोनिया से जूझने के बाद गुरुवार दोपहर दुखद निधन हो गया. उन्हें 19 अगस्त, 2024 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences, Delhi) में भर्ती कराया गया था. वह 72 वर्ष के थे.
पहले उन्हें आपातकालीन वार्ड (emergency ward) में रखा गया था, बाद में करीबी निगरानी के लिए उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में शिफ्ट कर दिया गया था. सीपीआई (एम) नेता हन्नान मोल्ला ने द बिहार नाउ से इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, “सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी नहीं रहे. उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था.”
संक्षिप्त जीवनी
कॉमरेड सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [सीपीएम] के राष्ट्रीय महासचिव थे. उनका जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. वह हैदराबाद में बड़े हुए और दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल (All Saints High School, Hyderabad) में पढ़ाई की. येचुरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से अपनी पढ़ाई पूरी की और बाद में जेएनयू (JNU) से मास्टर डिग्री प्राप्त की.
येचुरी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी. वे 1970 के दशक में सक्रिय रूप से कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े और धीरे-धीरे पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचे. उन्हें 2005 में सीपीएम का महासचिव चुना गया (elected General Secretary of CPM). कॉमरेड येचुरी हमेशा श्रमिकों और किसानों के हक की लड़ाई लड़ते रहे. उन्होंने कई बार संसद में अपनी आवाज उठाई और विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी. इनके नेतृत्व में पार्टी ने कई चुनावों में भाग लिया और विभिन्न राज्य सरकारों में अपनी भूमिका निभाई.
कॉमरेड सीताराम येचुरी का उद्देश्य एक समतामूलक समाज की स्थापना करना था, जहां सभी वर्गों के लोगों को समान अधिकार और अवसर मिलें. तबीयत खराब होने के पहले तक वे सक्रिय रहे और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर काम कर रहे थे. उनकी विचारधारा और नेतृत्व ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व बना दिया था. उन्होंने प्रभावशाली 32 वर्षों तक सीपीएम पोलित ब्यूरो (CPM Politburo) में सेवा की. उन्होंने 2015 में महासचिव की भूमिका निभाई और 2005 से 2017 तक भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व किया. राजनीतिक परिदृश्य में उनके योगदान को निश्चित रूप से याद किया जाएगा.
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. पीएम मोदी ने इन्हें “वामपंथ के प्रमुख नेता” के रूप में बताया और अपने संवेदनाओं के साथ कहा कि इस कठिन समय में उनके विचार येचुरी के परिवार और समर्थकों के साथ हैं.
एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने राजनीतिक क्षेत्र में भिन्नताओं को खत्म करने के लिए येचुरी की प्रभावशाली क्षमता की सराहना की. उन्होंने येचुरी के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया और उन्हें एक शानदार सांसद बताया, जो सच में अपनी आवाज को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना जानता था.
एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा कि येचुरी में राजनीतिक स्पेक्ट्रम से जुड़ने की क्षमता थी और उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में अपनी पहचान बनाई.
प्रधानमंत्री ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ”सीताराम येचुरी जी के निधन पर मुझे बहुत दुख हुआ है. वह वामपंथी राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे और लोगों से जुड़ने की उनकी क्षमता के लिए जाने जाते थे. इसके अलावा, उन्होंने एक प्रभावशाली सांसद के रूप में भी पहचान बनाई. इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं.
वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी येचुरी के निधन पर अपने दुख का इजहार किया और बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), सीपीआई (एम) के महासचिव, राजनीतिक दुनिया में एक खास और प्रभावशाली आवाज थे.
सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ. उन्होंने पहले छात्र नेता के रूप में और फिर एक सम्मानित सांसद के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने हमेशा एक खास और प्रभावशाली आवाज उठाई. एक समर्पित विचारक होते हुए भी, वे पार्टी से परे मित्रता को बढ़ावा देने में सफल रहे. मैं उनके परिवार और सहकर्मियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.
राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा, “सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ. उन्होंने पहले एक छात्र नेता के रूप में और बाद में एक सम्मानित सांसद के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला, जहां उन्होंने लगातार एक अद्वितीय और प्रभावशाली आवाज का प्रदर्शन किया. एक समर्पित विचारक होने के बावजूद, वह पार्टी संबद्धता से परे मित्रता को बढ़ावा देने में सक्षम थे, मैं उनके परिवार और सहकर्मियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं.”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सीपीआई (एम) के नेता का निधन राजनीति के लिए एक बड़ी हानि है.
शाह ने कहा, “मुझे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और राज्यसभा के पूर्व सदस्य सीताराम येचुरी जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. उनका जाना हमारे राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक बड़ा नुकसान है. इस मुश्किल समय में मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करना चाहता हूं. भगवान उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दें.”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने X पर कहा कि येचुरी एक सहयोगी थे जिनके साथ उन्होंने कई बार चर्चा की थी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंच X पर कहा कि येचुरी एक सहयोगी थे जिनके साथ उन्होंने कई बार चर्चा की थी. उन्होंने लिखा, “मैं सीपीआई (एम) के महासचिव और राज्यसभा के पूर्व सदस्य सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करता हूँ. अपने सार्वजनिक सेवा के लंबे करियर के दौरान, उन्होंने एक प्रतिष्ठित सांसद के रूप में पहचान बनाई, जो अपनी गहराई, ज्ञान और वाक्पटुता के लिए जाने जाते थे. वे मेरे निजी मित्र भी थे जिनके साथ मैंने कई सार्थक बातचीत की थी. मैं उन यादों को हमेशा संजोकर रखूंगा. उनके शोक में डूबे परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं.”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवदेना व्यक्त की
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव एवं पूर्व सांसद सीताराम येचुरी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व० सीताराम येचुरी एक प्रख्यात राजनेता थे. वे 2005 से 2017 तक (दो बार) राज्यसभा के सांसद रहे थे. वे 2015 से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव थे. स्व० सीताराम येचुरी के निधन से न केवल सामाजिक बल्कि राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुयी है.
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति एवं उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.