“धार्मिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए”: जीतन मांझी ने कांवर यात्रा नेमप्लेट विवाद पर यूपी सरकार का किया बचाव
बोधगया (The Bihar Now डेस्क)| केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Union Minister Jitan Ram Manjhi) ने कांवर यात्रा मार्ग पर खाद्य दुकानों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) के निर्देश का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि आदेश में कुछ भी गलत नहीं है और इसे धार्मिक चश्मे (religious lens) से नहीं देखा जाना चाहिए.
मांझी ने कहा, “इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसे धार्मिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.”
इससे पहले आज, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवर यात्रा मार्ग (Kanwar Yatra route) पर खाद्य दुकानों को उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देश का विरोध करते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी (Rashtriya Lok Dal Chief Jayant Chaudhary) ने कहा कि यह कोई सुविचारित और तर्कसंगत निर्णय नहीं लगता.
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जयंत ने न्यूज एजेंसी को बताया, “यह अच्छी तरह से सोचा और उचित निर्णय नहीं लगता है. किसी भी निर्णय से समुदाय की भलाई और समुदाय में सद्भाव की भावना को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. जो भी लोग कांवर यात्रा पर जाते हैं और जो लोग उनकी सेवा करते हैं, वे सभी एक जैसे हैं. यह परंपरा शुरू से ही चली आ रही है और किसी ने नहीं देखा कि उनकी सेवा कौन कर रहा है. लोगों को पहचानने और उन्हें इंगित करने की यह बात मुझे समझ नहीं आई.
इधर, उत्तर प्रदेश में जारी विवाद के बीच हरिद्वार पुलिस प्रशासन (Haridwar Police Administration) ने भी रेस्तरां मालिकों को कांवर यात्रा मार्ग पर नाम प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया है.
इससे पहले एनडीए के एक अन्य सहयोगी जेडीयू ने उत्तर प्रदेश सरकार से मुजफ्फरनगर आदेश की समीक्षा करने या आदेश वापस लेने को कहा था.
जेडीयू नेता केसी त्यागी (JDU leader KC Tyagi) ने कहा, “इससे (उत्तर प्रदेश से) भी बड़ी कांवर यात्रा बिहार में होती है. वहां ऐसा कोई आदेश प्रभावी नहीं है. जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास‘ का उल्लंघन हैं, जिसकी बात प्रधानमंत्री करते हैं. यह आदेश न तो बिहार में प्रभावी है और न ही राजस्थान और झारखंड में. बेहतर होगा कि इस आदेश की समीक्षा की जाए.”
उन्होंने इंडिया गुट (INDIA bloc) की भी आलोचना की और कहा कि बिहार राज्य की कानून-व्यवस्था पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, “इंडिया गुट के नेताओं को कानून-व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. घटनाओं पर उचित कार्रवाई की जा रही है. बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है.”