आसनसोल उपचुनाव में भारी जीत के साथ ही शत्रुघ्न सिन्हा ने विपक्ष को किया ‘खामोश’
आसनसोल – पश्चिम बंगाल (TBN – The Bihar Now डेस्क)| अभिनेता से नेता बने ‘बिहारी बाबू’ (Bihari Babu) के नाम से विख्यात शत्रुघ्न सिन्हा ने आसनसोल संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव (Shatrughan Sinha registered a landslide victory in Asansol parliamentary constituency bypoll) में शानदार जीत दर्ज की है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को यह जानकारी दी.
सिन्हा, जो हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुए थे, ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल (Bharatiya Janata Party candidate Agnimitra Paul) पर 3 लाख से अधिक के जीत के अंतर के साथ 6,56,358 वोट हासिल किए, जिन्होंने 3,53,149 वोट जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया.
माकपा के पार्थ मुखर्जी (CPIM’s Partha Mukherjee) को 90,412 वोट मिले जबकि कांग्रेस उम्मीदवार प्रसेनजीत पुतांडी (Congress candidate Prasenjit Puitandy) को 15,035 वोट मिले.
भारी जीत के बाद सिन्हा ने कहा, “पहले कुछ जगहों पर ‘खेला होबे’ (Khela Hobe) ईवीएम के साथ होता था लेकिन यहां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव बिना किसी डर के सम्पन्न हुए. यह जीत टीएमसी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) और आसनसोल के लोगों की है. मैंने इतनी जबरदस्त प्रतिक्रिया और प्यार कभी नहीं देखा.”
यह भी पढ़ें| बोचहां से जीते अमर पासवान और तेजस्वी यादव में इतनी समानताएं हैं कि आप चौंक जाएंगे
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने भाजपा को ‘खामोश’ बनाया है, इस पर ‘कालीचरण’ अभिनेता ने कहा, “लोगों ने पहले ही (भाजपा को) चुप करा दिया है. ममता बनर्जी देश की पसंदीदा और लोकप्रिय नेता हैं’ वह एक (2024 के चुनावों में) गेम-चेंजर होंगी और बिहार सहित वह जहां भी जाएंगी, हम सब उनके साथ रहेंगे.”
इधर, बंगाल में सत्तारूढ़ दल के लिए शनिवार का दिन खुशियों भरा रहा क्योंकि टीएमसी ने आसनसोल संसदीय और बालीगंज विधानसभा दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की. बालीगंज में टीएमसी उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो (TMC candidate Babul Supriyo) ने 51,199 मतों के साथ उपचुनाव जीता.
उपचुनाव के नतीजे आने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के कालीघाट मंदिर (Kalighat temple in Kolkata) का दौरा किया. आसनसोल लोकसभा सीट दो बार के भाजपा सांसद सुप्रियो के पिछले साल अक्टूबर में भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल होने के बाद खाली हुई थी.
वहीं, बालीगंज विधानसभा सीट पर राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद उपचुनाव कराना पड़ा. पश्चिम बंगाल के एक संसदीय क्षेत्र आसनसोल और एक विधानसभा क्षेत्र बालीगंज के लिए 12 अप्रैल को मतदान हुआ था.