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राबड़ी के नेतृत्व में RJD का विरोध प्रदर्शन, कहा “आरक्षण चोर, कुर्सी कुमार”

पटना (The Bihar Now डेस्क)| बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री (Ex Chief Minister of Bihar) और आरजेडी नेता राबड़ी देवी (RJD leader Rabri Devi) ने मंगलवार को अपने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मिलकर बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण (65% reservation for OBC) की मांग को लेकर था.

प्रदर्शन के दौरान लोगों ने जोर-जोर से नारे लगाए. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “आरक्षण चोर” कहकर पुकारा और अपनी मांग को मजबूती से रखा.

राबड़ी देवी ने पत्रकारों से बात करते हुए प्रदर्शन का कारण बताया. उन्होंने कहा, “हम यह प्रदर्शन आरक्षण के लिए कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने इसे अपनी सरकार की कैबिनेट से पास करवाया था. हम चाहते हैं कि इसे अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किया जाए. इसलिए हम यह मांग उठा रहे हैं.” उनकी बात से साफ था कि वे इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं और इसे लागू करवाना चाहते हैं.

इससे पहले भी मंगलवार को राबड़ी देवी के घर के बाहर कुछ पोस्टर देखे गए थे, जो नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे. इन पोस्टरों में वक्फ संशोधन बिल (Wakf Amendment Bill) और एनआरसी (NRC) को लेकर नीतीश की नीतियों की आलोचना की गई थी.

पोस्टर पर लिखा था, “तुम तो धोखेबाज हो, वादा करके भूल जाते हो. एनआरसी पर हम तुम्हारे साथ नहीं हैं, और वक्फ पर तो बिल्कुल भी साथ नहीं हैं.” इसका मतलब था कि लोग नीतीश पर भरोसा नहीं कर रहे और उनकी नीतियों का विरोध कर रहे हैं.

पोस्टर में आगे लिखा था, “वोट तुम्हारा लेंगे, लेकिन साथ नहीं देंगे.” इससे साफ था कि लोग नीतीश को वोट देने को तैयार हैं, लेकिन उनकी नीतियों का समर्थन नहीं करेंगे.

इसके अलावा, पहले भी राबड़ी देवी के घर के बाहर कुछ पोस्टर लगे थे, जब नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान को लेकर विवाद हुआ था. उन पोस्टरों में लिखा था, “गैर-जिम्मेदार मुख्यमंत्री, जन-जन का मन अधिनायक जाए, नहीं कुर्सी-कुर्सी-कुर्सी जाए.” इससे नीतीश की गंभीरता पर सवाल उठाए गए थे.

राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार पर महिलाओं का अपमान करने, महात्मा गांधी का अनादर करने और राष्ट्रगान की बेइज्जती करने का भी आरोप लगाया. एक पोस्टर में लिखा था, “नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं.”

यह सारा हमला नीतीश कुमार पर तब शुरू हुआ, जब पटना में एक कार्यक्रम के दौरान उनका एक वीडियो सामने आया. उस वीडियो में नीतीश राष्ट्रगान के समय बात करते और इशारे करते दिखे थे. इस घटना ने विपक्ष को नीतीश पर हमला करने का मौका दे दिया.