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पशुपति पारस का मोदी कैबिनेट से इस्तीफा पर एनडीए नेताओं की प्रतिक्रियाएं

नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मंगलवार को केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (Rashtriya Lok Janshakti Party) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे समझौते में उनकी पार्टी को शामिल नहीं किए जाने के बाद “अन्याय” का हवाला देते हुए मंगलवार को मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) से इस्तीफा दे दिया.

एक प्रेस वार्ता में पारस ने कहा, “मैंने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया है. हमारी पार्टी को सीट बंटवारे में अन्याय का सामना करना पड़ा.”

पशुपति पारस, जो दिवंगत राम विलास पासवान के भाई हैं, इस बात से नाराज थे कि भाजपा ने बिहार में एनडीए ब्लॉक के सीट-बंटवारे समझौते में उनकी पार्टी को कोई सीट आवंटित नहीं की. इसके बजाय, भाजपा ने राम विलास पासवान के बेटे और पशुपति पारस के भतीजे चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को पांच सीटें दे दीं.

बता दें, एनडीए द्वारा सोमवार को घोषित सीट बंटवारे में आरजेएलपी (RJLP) को आगामी आम चुनावों में कोई सीट नहीं दी गई, हालांकि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा थी.

बीजेपी-एनडीए सभी का सम्मान करती है – विजय कुमार सिन्हा

पशुपति कुमार पारस के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने और एनडीए (NDA) में ‘अन्याय’ का आरोप लगाने पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा (Bihar Deputy CM Vijay Kumar Sinha) ने कहा, “…बीजेपी-एनडीए सभी का सम्मान करती है और सभी को अवसर देती है. बीजेपी पुराने सदस्यों का सम्मान करती है और नए सदस्यों का स्वागत करती है. उन्हें भी अवसर देती है.”

विजय सिंहा ने कहा, “चिराग पासवान, जो पारस के परिवार के सदस्य है, को उनके पिता के निधन के बाद अवसर मिलना चाहिए था. लेकिन पार्टी उन्हें (पशुपति कुमार पारस) को अवसर देती रही. वह कैबिनेट मंत्री बन गए और उन्हें सभी सम्मान दिया जाता है, इसमें कोई दिक्कत नहीं है. पीएम मोदी सभी को साथ लेकर चलते हैं और सही समय आने पर उचित सम्मान देते हैं.”

हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने के पशुपति कुमार पारस के बयान पर विजय सिंहा ने कहा, “इस पर आम सहमति बननी चाहिए. हमारा शीर्ष नेतृत्व भी सहयोग और मदद करता है. यह उनका पारिवारिक मामला है और मुझे लगता है कि वे मिल बैठ कर समाधान कर लेंगे. वह बीजेपी के साथ रहेंगे. देश में कोई भी पीएम मोदी से दूर राजनीति नहीं करना चाहता…”

पशुपति पारस एक सम्मानित नेता – संतोष सुमन

इधर, पशुपति कुमार पारस के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने और एनडीए में ‘अन्याय’ का आरोप लगाने पर बिहार के मंत्री और हम के अध्यक्ष (HAM president) संतोष कुमार सुमन (Santosh Kumar Suman) ने कहा, “पशुपति पारस एक सम्मानित नेता हैं और हमें लगता है कि उन्हें एनडीए में रहना चाहिए. उन्होंने मंत्रिपरिषद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है…मैंने उनका बयान सुना और उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह एनडीए छोड़ रहे हैं और उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं…वह एनडीए के साथ हैं और मुझे लगता है कि वह एनडीए के साथ बने रहेंगे…”

जेडीयू इस पर कैसे प्रतिक्रिया दे सकती है – अशोक चौधरी

वहीं, पशुपति कुमार पारस द्वारा एनडीए पर ‘अन्याय’ का आरोप लगाने पर बिहार के मंत्री और जेडीयू नेता डॉ. अशोक चौधरी ने कहा, ”पारस जी एनडीए का हिस्सा थे. जेडीयू इस पर कैसे प्रतिक्रिया दे सकती है.”

हालांकि अशोक चौधरी ने यह भी कहा कि जब पारस जी एनडीए में चले गये थे तो उन्होंने नीतीश जी के लिए भी अच्छा नहीं बोला था.?”

इधर सूत्रों ने बताया है कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट से मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विपक्षी भारतीय गुट के संपर्क में हैं.