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रूपेश हत्याकांड में बकरा खोज ही लिया आखिर पुलिस ने – तेजस्वी

ऐसी कहानी सी-ग्रेड की घिसी-पिटी फ़िल्मों में भी नहीं – तेजस्वी
आपको पुलिस की कहानी ज़रूर सुननी चाहिए – तेजस्वी
नीतीश अपने लोगों को बचाने के लिए बकरा ढूंढ रहे थे – तेजस्वी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| 12 जनवरी को राजधानी में हुए बहुचर्चित रूपेश हत्याकांड पर पटना पुलिस के खुलासे के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़े सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पुलिस के खुलासा की कहानी किसी C-ग्रेड की घिसी-पिटी फ़िल्मों में भी नहीं मिलती है.

तेजस्वी ने बुधवार शाम अपने ट्वीट में लिखा, “रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आँखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे है. आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया. यक़ीन मानिए ऐसी कहानी Cग्रेड की घिसी-पिटी फ़िल्मों में भी नहीं मिलेगी. आपको पुलिस की कहानी ज़रूर सुननी चाहिए.”

तेजस्वी ने 15 दिनों पहले अपने एक ट्वीट में लिखा था कि रूपेश हत्याकांड में नीतीश सरकार कुछ लोगों को बचाने के लिए बकरा खोज रही है. उन्होंने बुधवार को लिखा कि आखिर पटना पुलिस ने बकरा खोज ही लिया. तेजस्वी ने ट्वीट के द्वारा कटाक्ष किया कि पुलिस द्वारा जब मामले का उद्भेदन किया जा रहा था और जो कहानी सुनाई जा रही थी, उसे लोगों को जरूर सुनना चाहिए. उन्होंने कहा कि यकीन मानिए ऐसी कहानी सी ग्रेड की घिसी-पिटी फिल्मों में भी नहीं मिलेगी.

बुधवार को पुलिस ने किया खुलासा

बता दें कि बुधवार को पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने रूपेश सिंह हत्याकांड का उद्भेदन किया था. उद्भेदन करते हुए एसएसपी ने बताया कि यह एक रोडरेज का मामला है. पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया कि इस अपराध में लिप्त तीन लोग अभी भी फरार हैं जिन्हें पुलिस खोजने में लगी है.

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एसएसपी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी, जिसका नाम ऋतुराज है, ने पुलिस को बताया कि 29 नवम्‍बर 2020 के आसपास एलजेपी कार्यालय के पास रोडरेज की घटना हुई थी. उस दिन एयरपोर्ट के रास्‍ते में एक मोड़ पर रूपेश की गाड़ी से इसका एक्‍सीडेंट होते-होते बचा था. इसके बाद रूपेश और आरोपी के बीच में विवाद हुआ था और रूपेश ने उसकी बहुत पिटाई की थी.

आरोपी ने आगे बताया कि चूंकि उस वक्त उसके पास चोरी की बाइक थी, इसलिए वह चुपचाप रह गया. फिर उसने रूपेश का एयरपोर्ट तक पीछा किया और उनकी गाड़ी का नंबर याद कर लिया.

आरोपी ऋतुराज ने बताया कि उस घटना के तीन-चार दिन बाद फिर उसने रूपेश की गाड़ी देखी. वह तुरंत गाड़ी के पीछे लग गया और उस स्‍थान तक गया जहां तक गाड़ी गई. उसके बाद कई दिनों तक ऋतुराज ने रूपेश की रेकी की. फिर उसने 12 जनवरी को रूपेश की हत्या कर दी.