“आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद” का आयोजन गुरुवार को, पीएम करेंगे सदस्यों से बात
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| गुरुवार 12 अगस्त को दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission; DAY-NRLM) से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों (Self Help Group) की महिला सदस्यों के साथ ‘आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद’ (Atmanirbhar Narishakti se Samvad) का आयोजन किया जाएगा. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi PM) वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये 12.30 बजे इन सदस्यों से बात करेंगे.
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की सफलता की कहानी का संक्षिप्त विवरण तथा कम व छोटी जोत वाली खेती से पैदा होने वाली आजीविका पर एक पुस्तिका भी जारी करेंगे.
चार लाख स्व-सहायता समूहों को करेंगे नई सहायता राशि जारी
प्रधानमंत्री चार लाख स्व-सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की नई सहायता राशि भी जारी करेंगे. इसके अलावा वे पीएमएफएमई (पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइसेज) के तहत आने वाले 7,500 स्व-सहायता समूहों को 25 करोड़ रुपये की आरंभिक धनराशि भी जारी करेंगे. यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना है. इसी तरह मिशन के तहत आने वाले 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) को 4.13 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करेंगे.
इस अवसर पर ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और फग्गन सिंह कुलस्ते, पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी उपस्थित रहेंगे.
क्या है दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को ग्रामीण इलाकों के गरीब ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के लिए बनाया गया है. इसमें ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से क्रमबद्ध तरीके से जोड़ा जाता है.
इसमें गांव के गरीबों को लंबे समय तक सहायता दी जाती है, ताकि वे अन्य तरह से भी अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें, अपनी आय और जीवन के स्तर में सुधार ला सकें.
इस मिशन की कई पहलों को कार्यान्वित किया जा रहा है. स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलायें प्रशिक्षित होकर अपने समुदाय की अगुआ बन गई हैं, जैसे कृषि सखी, पशु सखी, बैंक सखी, बीमा सखी, बैंक संवाद सखी, आदि. मिशन स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को शक्तिसम्पन्न भी बना रहा है. मिशन घरेलू हिंसा, महिला शिक्षा और लैंगिक मुद्दों, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक बना रहा है और उनकी समझ व व्यवहार को विकसित कर रहा है.