पीके का पीएम मोदी पर तीखा हमला; कहा सिर्फ वोट की खातिर आ रहे
जन सुराज संस्थापक ने बिहार में पीएम के दौरे को बताया चुनावी स्टंट
बिहार के युवाओं के पलायन पर सवाल, गुजरात में कारखाने क्यों, बिहार में क्यों नहीं?
बार-बार घोषणाएं, पर अमल नहीं; बिहार की जनता में बढ़ रही निराशा
गोपालगंज (The Bihar Now डेस्क)| जन सुराज के संस्थापक और चर्चित रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम का यह दौरा बिहार के विकास के लिए नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एनडीए गठबंधन के लिए वोट जुटाने की एक सोची-समझी रणनीति है.
मीडिया से बात करते हुए किशोर ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब पीएम बिहार आ रहे हैं. लेकिन उनका मकसद बिहार का कल्याण या विकास नहीं, बल्कि सिर्फ बीजेपी और एनडीए के लिए वोट मांगना है.”
प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी द्वारा बिहार में घोषित नई परियोजनाओं के दावों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार उछाले जाने वाले कुछ प्रोजेक्ट पहले से ही कार्यरत हैं. उदाहरण देते हुए किशोर ने कहा, “मरहौरा में लोकोमोटिव फैक्ट्री पहले से मौजूद है, इसमें नया क्या है?” उन्होंने पीएम से बिहार के असल मुद्दों पर बात करने की मांग की, जैसे कि बंद पड़ी चीनी मिलों का मुद्दा. किशोर ने कहा, “पीएम को चाहिए कि वे बंद पड़ी चीनी मिलों पर बात करें, जो बिहार के लिए अहम हैं.”
बिहार की जनता में निराशा, पलायन का दर्द
प्रशांत किशोर ने बिहार के लोगों की निराशा को भी उजागर किया. उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 सालों में बिहार की जनता ने कई बड़े-बड़े वादे सुने, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं बदला. “लोगों ने देखा है कि घोषणाएं तो खूब होती हैं, लेकिन अमल कुछ नहीं होता. इसीलिए जनता का भरोसा टूट रहा है,” किशोर ने कहा.
उन्होंने बिहार से हो रहे बड़े पैमाने पर पलायन के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया. किशोर ने सवाल किया, “पीएम को यह बताना चाहिए कि बिहार के बच्चों का पलायन कब रुकेगा? बिहार के युवा गुजरात जैसे राज्यों में मजदूरी करने को मजबूर क्यों हैं? आखिर कारखाने सिर्फ गुजरात में ही क्यों लग रहे हैं, बिहार में क्यों नहीं?”
गोपालगंज में भी तीखी आलोचना
गुरुवार को गोपालगंज में एक सभा को संबोधित करते हुए किशोर ने पीएम के दौरे को “चुनावी दौरा” करार दिया. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में यह तीसरी बार है जब पीएम बिहार आए हैं, और हर बार यह दौरा सरकारी खर्चे पर चुनावी प्रचार के लिए होता है.
किशोर ने कहा, “एनडीए-बीजेपी सरकार का यह पुराना पैटर्न है. जहां भी चुनाव नजदीक आते हैं, वहां पीएम सरकारी दौरे के नाम पर प्रचार करने पहुंच जाते हैं. बिहार में भी यही हो रहा है. मधुबनी में भी हमने ऐसा ही देखा.”
किशोर ने बिहार के युवाओं की दुर्दशा पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि लाखों बिहारी युवा पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट देते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है. “लोग चाहते हैं कि पीएम बताएं कि बिहार से पलायन कब रुकेगा. बिहार में कारखाने कब लगेंगे? यह सवाल पूछने का वक्त आ गया है,” किशोर ने जोर देकर कहा.
बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी
बता दें, बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है, हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक आधिकारिक तारीखों की घोषणा नहीं की है. ऐसे में प्रशांत किशोर की यह टिप्पणियां राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई हैं. जन सुराज के इस नेता की तीखी आलोचना और बिहार के मुद्दों को उठाने का उनका अंदाज एक बार फिर सुर्खियों में है.