एलजेपी टूट की ओर अग्रसर, पारस बने बागी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| गुरुवार को पशुपति पारस को एलजेपी के बागी गुट ने अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना. इसकी घोषणा एलजेपी के पटना कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान की गई. सूत्रों के मुताबिक अब वे किसी भी समय जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से मुलाकात करने वाले हैं.
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी में पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच पार्टी नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया था. साथ ही, चिराग ने जेडीयू पर उनकी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया था.
टूट का जदयू, कनेक्शन
चिराग का कहना था कि जदयू, खासकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी पार्टी को तोड़ने का काम किया है. चिराग की इस बात को पार्टी के पांचों बागी सांसद नकार रहे थे. मगर, सोमवार को दिल्ली में जदयू नेता ललन सिंह तथा महेश्वर हजारी का पशुपति पारस से मिलना कुछ और ही संकेत दे रहा था.
बुधवार को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में चिराग ने अपने चाचा पशुपति पारस पर धोखा देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, “पापा (रामविलास पासवान) के जाने से अनाथ नहीं हुआ था. आज अनाथ महसूस कर रहा हूं. वो (पशुपति पारस) मुझे एक बार बोलते, मैं पद छोड़ देता”.
इस पर जेडीयू ने पलटवार करते हुए कहा था कि बुझे हुए ‘चिराग’ से खुद पार्टी नहीं संभली क्योंकि वे उस लायक नहीं थे तथा उनमें काबिलियत नहीं थी. जब उनके हाथ से पार्टी फिसल कर टूट गई तो इसका आरोप वे जदयू पर लगा रहे हैं. जदयू की तरफ से निखिल मंडल ने कहा, “आपके पिता (रामविलास पासवान) जब तक थे, तब तक पार्टी संभली क्योंकि उनमें काबिलियत थी, उसके बाद नहीं संभली क्योंकि आप नाकाबिल हैं. तो इसमें जेडीयू कहाँ से आ गई”.
राजनीतिक हलकों में यह बात भी बड़े जोरों से फैली कि नीतीश कुमार ने चिराग पासवान से पिछले चुनाव का बदला लिया है. अब गुरुवार को पार्टी के बागी गुट द्वारा पशुपति पारस को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनना और फिर पशुपति पारस का जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना इस बात की ओर इंगित कर रहा है कि एलजेपी में इस टूट का कनेक्शन जदयू से तो है ही.
मीडिया पर खीजे एलजेपी अध्यक्ष पशुपति पारस
इससे पहले दिन में उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. मीडिया से बात करने के दौरान वे दो बार खीज गए. मीडिया की तरफ से लगातार सवाल दागे जा रहे थे जिसका जवाब पशुपति पारस दे रहे थे. उन्होंने मीडिया को बताया कि महरूम भाई स्व रामविलास जी ने सिखाया है कि पुरुष और महिला के झगड़े में महिला का साथ देनया चाहिये तथा अमीर-गरीब के बीच झगड़ा होने पर गरीब का साथ देना चाहिए.
इसी पर जब मीडिया की तरफ से यह पूछा कि क्या आपके स्वर्गीय भाई यह बता कर गए कि चाचा-भतीजे की लड़ाई में किसका साथ दें? इस बात पर पशुपति पारस एकदम से भड़क गए. उन्होंने खीज कर कहा कि यदि भतीजा तानाशाह हो जाए तो क्या करेंगे?
मीडिया की तरफ से “एक व्यक्ति एक पद” के संबंध में सवाल पूछने पर उन्होंने जवाब दिया कि दलित सेना दूसरी संस्था है. उन्होंने कहा कि जिस दिन मैं मंत्री बनूंगा उस दिन संसदीय दल नेता के पद इस्तीफा दे दूंगा. लेकिन जब उनसे अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर सवाल पूछा गया तो वे फिर से खीज कर कहा “ये कौन सा सवाल हुआ”। उसके बाद वे प्रेस कांफ्रेंस से उठ गए.