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श्याम रजक के इस्तीफे पर तेजस्वी ने कहा – “इस पर कुछ नहीं कहना…”

पटना (The Bihar Now डेस्क)| बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पूर्व राजद नेता श्याम रजक के इस्तीफे के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और कहा कि पार्टी ने हमेशा लोगों के लिए काम किया है.

तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, “हमें इस पर कुछ नहीं कहना है. चुनाव आ रहे हैं, हर कोई देखेगा कि कहीं जाना है या नहीं… हमने लोगों के लिए काम किया है.”

इससे पहले गुरुवार को श्याम रजक ने राजद के राष्ट्रीय महासचिव पद के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. राजद से अपने इस्तीफे पर श्याम रजक ने दावा किया कि वह रिश्ते निभा रहे हैं तो पार्टी उनके साथ खेल खेल रही है.

मेरे लिए दरवाजे खुले हैं – रजक

श्याम रजक ने कहा, “मैं राजद में था और पार्टी के लोग खेल खेल रहे थे. इसलिए मैंने अपने इस्तीफे में लिखा कि वे लोग खेल खेल रहे थे और मैं रिश्ते निभा रहा था…मैं स्वाभिमान, सम्मान और कार्य करने की दृष्टि के अलावा और कुछ नहीं जानता…आप सभी पत्रकार हैं, आप आकलन कर सकते हैं कि मुझे किनारे रखा गया या मुख्यधारा में रखा गया…मैंने किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है …अब, जब मैंने इस्तीफा दे दिया है तो मेरे लिए दरवाजे खुले हैं, मैं अब हर किसी से बात कर सकता हूं.”

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को दिए गए अपने इस्तीफे को श्याम रजक ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि वह पार्टी पद के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ रहे हैं.

उन्होंने हिंदी में एक पत्र में लिखा, “मुझे धोखा दिया गया क्योंकि मैं शतरंज का अच्छा खिलाड़ी नहीं हूं. आप चालें चल रहे थे और मैं केवल आपके साथ अपने लंबे जुड़ाव को निभा रहा था.”

राजद से इस्तीफा देने पर पूर्व राजद नेता श्याम रजक ने कहा, “…मैंने जेपी आंदोलन से शुरुआत की और चंद्रशेखर जी के साथ राजनीति की शुरूआत की, इसलिए मुझे स्वाभिमान, सम्मान और काम के विजन के अलावा कुछ नहीं आता… जिन मूल्यों को लेकर हमने राजद का निर्माण किया, वे कहीं पीछे छूट गए हैं.”

जदयू में शामिल होने की खबरों पर उन्होंने कहा, “मैंने अभी इस बारे में नहीं सोचा है, मैं राजनीतिक मान्यताओं के साथ राजनीति करता हूं, जिस पार्टी में हूं, उसके प्रति ईमानदार रहता हूं. मैंने राजद से इस्तीफा दे दिया है, अब मेरे लिए दरवाजे खुले हैं, मैं सभी से बात कर सकता हूं. मेरे पास दो ही विकल्प हैं, या तो मैं संन्यास ले लूं या फिर फुलवारी की जनता के अधूरे काम पूरे करूं और दलितों और युवाओं की लड़ाई जारी रखूं, अगर मैं उनके दो आंसू भी पोंछ पाया तो अपना जीवन सफल मानूंगा.”

बताते चलें, बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के अक्टूबर-नवंबर महीने में होने की संभावना है. इससे पहले श्याम रजक के इस्तीफे से बिहार की राजनीति गरमा गयी है. राज्य की राजनीति में ऐसी अटकलें हैं कि वह फिर से जनता दल (यूनाइटेड) का दामन थाम सकते हैं.