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NRC विरोधी प्रस्ताव पर भाजपा नेताओं की नाराजगी

पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट)- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा एनआरसी के मुद्दे पर पहले ही ये घोषणा कर दी गयी थी कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा. अपनी घोषणा का पालन करते हुए मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू ) के द्वारा बिहार विधानसभा में एनआरसी के विरोध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो गया. जबकि कांग्रेस शासित राज्य पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनके यहां एनआरसी लागू नहीं होगा. बिहार भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया जिसने सबसे पहले एनआरसी के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है.

एनआरसी के विरोध में प्रस्ताव पास होने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं, मंत्रियों और विधायकों में नाराजगी देखने को मिल रही है. बिहार विधानसभा में जदयू ने भाजपा से बिना विचार विमर्श किये ही प्रस्ताव पास कर दिया जिस पर भाजपा के विधायक और मंत्रियों ने जदयू पर आरोपों की झड़ी लगा दी है और अपने-अपने बयान जारी कर रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक मिथिलेश तिवारी ने एनआरसी विरोधी प्रस्ताव को पास होने पर कहा कि “यह केवल एक सुझाव है, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही पत्र के माध्‍यम से केंद्र सरकार को दे चुके हैं और विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से इस पर मुहर लगा दी. उन्होंने कहा कि इसे मानना या नहीं मानना केंद्र सरकार पर निर्भर करता है. मिथिलेश तिवारी ने आगे कहा कि “यह केंद्र सरकार के खिलाफ संकल्प नहीं था क्योंकि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती. यह सिर्फ एक सुझाव था.”

भाजपा के ही एमएलसी सच्चिदानंद राय ने एनआरसी विरोधी प्रस्ताव पर अपना दुःख जाहिर करते हुए कहा कि  “इस प्रस्ताव ने अचंभित किया है और पार्टी कार्यकर्ता इससे आहत हैं. हमें इसका दुख है. साथ ही उन्होंने कहा कि “एनआरसी हमेशा से बीजेपी के कार्यकर्ताओं के भावनाओं से जुड़ा रहा है”.

भाजपा के मंत्री विनोद सिंह ने एनआरसी विरोधी प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “जदयू ने एनआरसी विरोधी प्रस्ताव का फैसला बहुत आनन-फानन में लिया है”.

प्रस्ताव पास होने पर नाराजगी और विरोध जाहिर करते हुए भाजपा के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि “प्रस्ताव लाने के पहले बीजेपी से किसी तरह की चर्चा नहीं की गई. जेडीयू को प्रस्ताव लाने के पहले पार्टी को बताना चाहिए था”. आगे उन्होंने कहा कि “प्रस्‍ताव लाना बिहार सरकार का अधिकार है, मगर जेडीयू केंद्र के साथ है. एनपीआर के प्रस्ताव से हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन एनआरसी पर हमें विश्वास में नहीं लिया गया था”.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इस मामले पर कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि अभी देश में एनआरसी लागू करने की कोई बात नहीं है. अब विधानसभा ने सर्वसम्मति से राज्य सरकार का यह प्रस्ताव भी पारित कर दिया कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा और एनपीआर पर 2010 के प्रारूप पर ही लोगों से जानकारी मांगी जाएगी.’ उन्होंने आगे कहा कि किसी जानकारी के लिए प्रमाण देने की बात भी नहीं है. सदन का प्रस्ताव इतना साफ है कि अब किसी नागरिकता के मुद्दे पर गुमराह कर राजनीति करने का मौका नहीं मिलेगा”.