उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ जारी है गैर-जमानती वारंट, पुलिस कब करेगी गिरफ्तार..
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पटना स्थित MP-MLA सह ACJM-1 की कोर्ट ने जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (Non Bailable warrant issued against Upendra Kushwaha) जारी किया हुआ है. ऐसी स्थिति में उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा क्या?
बता दें, 29 अगस्त को MP-MLA कोर्ट ने कुशवाहा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट को जारी किया था. कोर्ट ने यह वारंट IPC की धारा 353 यानी सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में जारी किया था. लेकिन आज एक महीने से ज्यादा होने के बावजूद पटना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है.
उपेन्द्र कुशवाहा पर पटना पुलिस कितना मेहरबान है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ADG को उनके खिलाफ निर्गत उक्त वारंट के बारे में जानकारी ही नहीं है. सत्तारूढ़ पार्टी के कद्दावर नेता और ससंदीय बोर्ड के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के लिए हाथ डालने से पुलिस बच रही है.
प्रेस कान्फ्रेंस में मीडिया ने एडीजी (मुख्यालय) से पूछा
शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में मीडिया द्वारा इस बारे में जब एडीजी – मुख्यालय (ADG – Headquarters) जितेंद्र सिंह गंगवार से इस बारे में सवाल किया गया तो उनका जबाव था कि किसी खास व्यक्ति के खास वारंट के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है.
हालांकि उन्होंने मीडिया को आश्वस्त करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेशानुसार वारंट की जो तिथि है, वारंट का जो प्रकार है, उसके अनुसार इसका तामिला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिस हमेशा से न्यायालय के आदेशों का पालन करती रहती है और आदेशों का पालन किया जाएगा.
क्या है यह मामला
कुशवाहा के खिलाफ यह मामला राजधानी पटना के कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिकी संख्या 91/19 से जुड़ा है. उस समय उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उनके द्वारा अपनी पार्टी के तरफ से 2 फरवरी 2019 को एक प्रदर्शन मार्च निकाला गया था. इस दौरान उनकी पार्टी ने पटना के डाकबंगला चौराहा को जाम कर दिया था. इस कारण उनपर तोड़फोड़, रोड जाम और सरकारी काम में बाधा डालने का गंभीर आरोप लगा था.
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इसके बाद उस दिन के मजिस्ट्रेट व शोध एवं प्रशिक्षण के सहायक अभियंता राम भजन साह के बयान पर कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इस केस को IPC की धारा 147, 148, 149, 188, 352, 341, 342, 323, 332, 353, 506 और 427 सहित कुल 12 धाराओें में दर्ज किया गया था. इस केस में उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पार्टी के अरविंद कुमार को नामजद किया गया था, जबकि, 250 से 300 लोग अज्ञात के रूप में शामिल किए गए थे.
सूत्रों के अनुसार, इस केस में 8 महीने पहले कुशवाहा को एंटीसिपेट्री बेल मिली थी. उसके बाद भी कुशवाहा ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया. इसी कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. जमानत पर होने के बावजूद अभी तक उपेंद्र कुशवाहा ने न तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया और न ही कोई जमानती मुचलका पेश किया.
बताते चले, कोर्ट ने उपेंद्र कुशवाहा पर टाइम देने के एवज में 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था जो उन्होंने जमा नहीं किया. अब अदालत में पेशी के लिए 29 अगस्त को जारी गैर जमानती वारंट के निष्पादन पर कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट के न्यायाधीश ने पुलिस को वारंट पर अमल करने और 15 अक्टूबर को अदालत को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है.
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा को पुलिस गिरफ्तार करेगी? क्या कोर्ट ने जो गैर जमानतीय वारंट एक महीने पहले जारी किया है, उसका तामिला होगा?