प्रशांत किशोर से मुलाकात का कोई राजनीतिक मतलब नहीं : नीतीश

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)|”प्रशांत किशोर से हुई मेरी मुलाकात पर सवाल उठने पर मुझे आश्चर्य (Nitish expressed surprise when questions were raised on meeting with Prashant Kishor) होता है. प्रशांत किशोर से मेरा रिश्ता आज का नहीं है”. यह बात सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत के क्रम में दी.
उन्होंने कहा कि इस मुलाकात का कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. इस तरह प्रशांत किशोर के साथ बैठक के बीच चल रही अटकलों को उन्होंने खारिज कर दिया.
सोमवार को “मुख्यमंत्री जनता दरबार में” कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया (Nitish Kumar talking to media) को कहा कि प्रशांत किशोर से मुलाकात पर सवाल उठता है तो मुझे आश्चर्य होता है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर से मेरा रिश्ता आज का नहीं है. बीच में हमारी तबीयत खराब हुई तो वे कितनी बार वो फोन किये थे. जब हम दिल्ली गये तो मिलने के लिये आये”.
राजनैतिक नहीं व्यक्तिगत रिश्ता
नीतीश ने प्रशांत किशोर से मुलाकात को राजनैतिक मुलाकात नहीं बताते हुए कहा कि भले ही उनसे राजनैतिक संबंध नहीं हो, लेकिन जिससे व्यक्तिगत रिश्ता रहता है, लोग उससे मिलता ही है.
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नीतीश ने मीडिया से पूछा कि क्या उनका (प्रशांत किशोर का) रिश्ता अन्य पार्टी के नेताओं के साथ नहीं है ? सब लोगों से बात होती है लेकिन कोई राजनैतिक बात नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम भी इस बार कोराना से पीड़ित हो गये थे. इसकी खबर गई तो स्वाभाविक है, उन्होंने फोन किया और मिलने के लिए बोले. तो हमने कहा कि दिल्ली आ रहे हैं और दिल्ली में हमारी मुलाकात हुई”.
यह व्यक्तिगत मुलाकात
उन्होंने आगे कहा, “राजनीति अपनी जगह पर है लेकिन व्यक्तिगत संबंध और संपर्क तो पुराना होता है. राजनैतिक से अलग होने के बाद भी आदमी एक दूसरे से बात करता है, संपर्क करता है. इन सब चीजों का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. इन सब चीजों का मतलब सीधे सीधे व्यक्तिगत है. किसी का विचार कुछ भी हो, इच्छा कुछ भी हो वो अपनी जगह पर है उससे इसका कोई संबंध नहीं है.
पीके के पास ज्यादा विकल्प नहीं
बताते चलें, नीतीश कुमार ने हाल ही में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Political Strategist Prashant Kishor) के साथ एक मुलाकात कर साथ में डिनर लिया था. उसके बाद से दोनों के बीच डिनर पर हुई बातचीत राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि किशोर की जदयू में वापसी हो सकती है क्योंकि उनका ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) से नाता टूटने की कगार पर है. वैसे भी उनके पास भी ज्यादा विकल्प नहीं हैं.