कुशवाहा के नए पार्टी बनाने के ऐलान पर नीतीश की प्रतिक्रिया
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मंगलवार को राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है जब जदयू के नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए एक नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया. उन्होंने इसके लिए कई कारणों का उल्लेख किया. इस बावत जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है.
मंगलवार को कृषि समागम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने और नयी पार्टी बनाने को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. नीतीश ने पत्रकारों से कहा कि यह उनकी (उपेन्द्र कुशवाहा की) इच्छा है. आप सोच लीजिये 2021 में तो बहुत कहे कि हम लोग साथ रहेंगे, रख लिया. उसके बाद उनका मन कर गया फिर जाने का तो चले गये. उन्होंने कहा कि ठीक है अपना चले गये, कोई फर्क नहीं पड़ता. ऐसा थोड़े ही है. इस पार्टी (राष्ट्रीय लोक जनता दल) से कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा, “वो कह रहे थे कि हम सब दिन के लिए रहेंगे, आने दीजिये. तो पार्टियां में सबको, बहुत को ठीक नहीं लगता था. लेकिन हम ही सब को समझाये. अब इधर आ करके हाल में क्या हो गया है त उ जाने. इसलिए उससे कोई मतलब नहीं हम लोगों को.”
जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से उपेन्द्र कुशवाहा के उस बयान के बारे में पूछा जिसमें कुशवाहा ने कहा था कि 024 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई नहीं खड़ा हो सकता, तो नीतीश ने जवाब दिया, “अरे उ क्या बोलता है त आप समझ ही न सकते हैं. इ सब कोई बोलता क्या है…काहे के लिए यहां आये थे, क्यों आये थे यहां. यहां आने की जरूरत क्या थी. ऐसे ही आकर के कुछ बोलना है. पब्लिसिटी पाने के लिए.”
नीतीश ने पत्रकारों से कहा, “हम आप लोग से आग्रह करेंगे कि कोई पब्लिसिटी का चीज नहीं है. हम लोगों को कोई मतलब नहीं है इसलिए हम लोगों से कुछ मत पूछिये. आ गये, चले गये, कोई मतलब नहीं है. उससे, कोई मतलब नहीं. उ क्या बोलते हैं उससे कोई मतलब नहीं है.“
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नीतीश चाहे जो कहें, लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा ने 2024 के आम चुनाव से पहले बिहार के मुखिया नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया है. बिहार की राजनीति यह मोड़ तब आया है जब उपेन्द्र कुशवाहा का पिछले कई महीनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के साथ अनबन हो रही थी.
नई पार्टी का ऐलान करते हुए कुशवाहा ने नीतीश पर फिर से हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अपनी इच्छा से काम नहीं कर रहे हैं और अपने आसपास के लोगों के सुझावों के अनुसार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि नीतीश आज अपने दम पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्होंने कभी उत्तराधिकारी बनाने का प्रयास नहीं किया…अगर नीतीश कुमार ने उत्तराधिकारी चुना होता, तो उन्हें एक के लिए पड़ोसियों की ओर देखने की जरूरत नहीं होती.”