नीतीश का पीएम मोदी पर कटाक्ष, कहा – ‘कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का पूरा श्रेय वे ले सकते हैं’
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का “पूरा श्रेय लेने का दावा” कर सकते हैं. कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में नीतीश बुधवार को अपनी पार्टी द्वारा राजधानी पटना के वेटेनरी कॉलेज ग्राउन्ड में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम (दिवंगत) कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना जनता दल (यूनाइटेड) की पुरानी मांग थी.
नीतीश कुमार ने कहा,”जन नायक” कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया है. हम 2007 से 2023 तक पिछली कांग्रेस सरकार और वर्तमान सरकार सहित हर सरकार से उनके लिए ‘भारत रत्न’ की मांग करते रहे हैं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. अब उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ दिया. मैं हमारी मांग स्वीकार करने के लिए पीएम और केंद्र सरकार को बधाई देता हूं. बता दें, केंद्र सरकार ने मंगलवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया.
नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम मोदी ने उनकी पार्टी के सहयोगी और ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को फोन करके पुरस्कार के बारे में सूचित किया था. सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने दिवंगत नेता के बेटे रामनाथ ठाकुर को तो फोन किया, लेकिन उनसे (नीतीश से) फोन कर बात करने की कोशिश नहीं की.
उन्होंने कहा, “मुझे मेरी पार्टी के सहयोगी और दिवंगत नेता के बेटे रामनाथ ठाकुर ने बताया कि घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन किया था. प्रधानमंत्री ने अभी तक मुझे फोन नहीं किया है. यह संभव है कि वह इस कदम के लिए पूरा श्रेय ले सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “जो भी हो, मैं उस मांग को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को धन्यवाद देता हूं जो मैं बिहार में सत्ता संभालने के बाद से लगातार उठाता रहा हूं.”
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नीतीश कुमार ने कहा कि ठाकुर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने अपने परिवार से कभी किसी को राजनीति में नहीं लाया.
नीतीश ने रैली में कहा “वह कर्पूरी ठाकुर ही थे जिन्होंने अन्य पिछड़े वर्गों और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को प्रेरित किया. जाति सर्वेक्षण, जिसे हमने आयोजित किया और वंचित वर्गों के लिए कई अन्य कल्याणकारी उपायों के साथ लागू किया, को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.”
इधर, कांग्रेस ने भी बुधवार को कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने के फैसले का स्वागत किया. हालांकि, यह भी कहा कि यह मोदी की हताशा और पाखंड को दर्शाता है.
जयराम रमेश ने एक्स (X) पर एक पोस्ट में कहा, “भले ही यह मोदी सरकार की हताशा और पाखंड को दर्शाता है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सामाजिक न्याय के चैंपियन जननायक कर्पूरी ठाकुरजी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का स्वागत करती है.”
मंगलवार को नीतीश ने कहा था कि मोदी सरकार ने जेडीयू की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है.
उन्होंने कहा, “मैं लंबे समय से कर्पूरी ठाकुर के लिए भारत रत्न की मांग कर रहा हूं. मैं इस घोषणा से खुश हूं. यह जद (यू) की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है.”
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 1924 में समाज के सबसे पिछड़े वर्गों में से एक, नाई समाज में हुआ था. वह एक ऐसे नेता थे जिनकी राजनीतिक यात्रा समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता से जानी जाती है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और सामाजिक भेदभाव और असमानता के खिलाफ संघर्ष में एक प्रमुख व्यक्ति थे. सकारात्मक कार्रवाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने देश के गरीब, पीड़ित, शोषित और वंचित वर्गों को प्रतिनिधित्व और अवसर दिये.
कर्पूरी ठाकुर पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे, जो मुख्यमंत्री बने. उन्हें प्यार से ‘जननायक’ (जनता के नेता) के नाम से जाना जाता है, देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के वे 49वें प्राप्तकर्ता हैं. यह पुरस्कार आखिरी बार 2019 में दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को प्रदान किया गया था.
नीचे के वीडियो में सुनिए नीतीश कुमार ने इस मामले में क्या बोला था –