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अपने बयान पर खुद घिरे नीतीश, विरोध में उतरे वामदल

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| जहरीली शराब से हुए मौत (Hooch Tragedy in Siwan, Bihar) पर मुआवजे को लेकर दिए गए अपने बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) खुद घिर गए हैं. मुआवजे को लेकर नीतीश सरकार में सहयोगी वामपंथी पार्टियां (Left Parties) भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

पीड़ितो को मुआवजे देने की मांग पर वामदल के विधायक भी सरकार के विरोध में उतर गए. वे विधानसभा के बाहर तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते भी नजर आए. भाजपा विधायकों के साथ वामदलों के विधायकों ने भी जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं शराबकांड की जांच की मांग को लेकर वे विधानसभा के बाहर तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते भी नजर आए.

सारण जिले के मसरख (Masrakh of Siwan District) और आसपास के इलाकों में पिछले दिनों जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकारी आकड़ों की बात करें तो अभी तक लगभग 78 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि मीडिया रेपोर्ट्स के अनुसार यह संख्या 100 तक पहुंच चुकी है. मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर अब खूब राजनीति हो रही है. मुआवजे की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार सदन में हंगामा कर रही है.

बीजेपी के बाद अब वामपंथी पार्टियां, जिनके दम पर नीतीश कुमार की सरकार खड़ी है, वह भी मुआवजे की मांग को लेकर सदन के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं. राज्य के सभी जिलों में वे विरोध दिवस भी मना रहे हैं. मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर भी हंगामा बरपा है.

राज्य में शराब आराम से उपलब्ध

भाजपा का कहना है कि शराबबंदी के छह साल बाद भी आज राज्य में शराब आराम से उपलब्ध है. ऐसी स्थिति में सवाल यह पैदा होता है कि जब सरकार बिहार में ठीक से शराबबंदी लागू नहीं कर सकती है तो फिर शराब पीकर मरने वालों के परिजनों का क्या दोष?

बीजेपी ने कहा कि नीतीश कुमार भले ही यह कहें कि मृतकों के परिजनों को मुआवजे का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उन्हें याद दिला रही है गोपालगंज में 2018 में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया था.

मोदी ने नीतीश को कहा ‘जिद्दी’

भाजपा सांसद व राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने पीड़ितों को मुआवजा न देने पर अड़े बिहार सीएम को जिद्दी कहा है. मोदी ने कहा, ‘2018 में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर शराब मौत का कारण हुई तो मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने जहरीली शराब के पीड़ितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा देने का वादा किया था.

2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी जहरीली कांड का जिक्र करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि इस घटना के सभी मृतकों के आश्रितों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया गया था. ऐसे में सारण शराब कांड के पीड़ितों को मुआवजे से क्यों वंचित किया जा रहा है.

बताते चलें, जहरीली शराब पीकर मरने वालों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कह दिया था, “पियोगे तो मरोगे और मरने वालों से उन्हें कोई सहानुभूति नहीं है. मुआवजे का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है”. इसको लेकर ही राज्य में राजनीतिक भूचाल आया हुआ है. इधर आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि सरकार ने शराब से हुई मौत के मामले में कई पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को कोई मुआवजा नहीं देगी.