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चुनावी सभा में एक बार फिर भड़के नीतीश, कह डाली ये बात

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | बिहार विधान सभा चुनाव के पहले चरण में महज़ 2 दिन बाकी है. आज यानि 26 अक्टूबर को पहले चरण के मतदान के प्रचार का आखिरी दिन है. सारी सियासी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ताकि उन्हें जनता का वोट मिल सके और वे यह सियासी जंग जीत सके. इसी सिलसिले में मुज़फ़्फ़रपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी सभा को सम्बोधित करने पहुंचे जहाँ वे दूसरी बार भीड़ पर भड़कते नज़र आए.

दरअसल बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुजफ्फरपुर रैली में मुर्दाबाद के नारे लगे. इसके बाद नीतीश कुमार भड़क गए और उन्होंने नारेबाजी कर रहे लोगों को नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि वे अपने माता-पिता से जाकर राजद शासनकाल के बारे में पूछ लें. उन्होंने कहा कि हो सकता है पिता ना बताए, लेकिन मां से पूछना वो सही-सही बात बताएंगी. यह वाकया मुजफ्फरपुर के कांटी में आयोजित एक चुनावी सभा में हुआ.

उन्होंने कहा, ‘हम समाज को एक करने में लगे हुए हैं और वह लोग लगे हुए हैं कि समाज को फिर बांट दो. फिर झगड़ा का माहौल पैदा कर दो.’ नीतीश ने नारेबाजी करने वाले युवकों से कहा, ‘आप लोगों को यहां कोई कुछ नहीं करेगा. 10 लोग हो और यहां हजारों लोग हैं. कोई तुमको कुछ नहीं करेंगे. कुछ करेंगे तो उनको लाभ मिलेगा’. जदयू प्रमुख ने प्रदेश की पिछली राजद सरकार के शासन काल की ओर इशारा करते हुए नारेबाजी करने वालों से पूछा, ‘क्या हाल था. अपने माता-पिता से जाकर पूछ लो कि शाम होने के बाद घर से बाहर निकल पाते थे? स्कूल में पढ़ाई होती थी? कोई इलाज होता था. जरा जान लो. पूछ लो घर के अंदर और पिता ठीक नहीं बताएगा लेकिन अपनी माता से पूछोगे वह सही बात बतला देगी.

उन्होंने राजद प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नाम लिए बिना उनकी ओर इशारा करते हुए कहा, क्या करते थे जी. पति (लालू) अंदर (चारा घोटाला मामले में जेल) गए तो पत्नी (राबडी) को गद्दी (मुख्यमंत्री पद) पर बिठा दिया. महिलाओं के उत्थान के लिए कोई काम हुआ? गरीब बच्चे प्राथमिक विद्यालय भी नहीं जा पाते थे.

नीतीश ने उन युवकों से कहा कि कुछ लोग भ्रम में डालकर वोट लेना चाहते हैं लेकिन लोग होशियार रहें. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का काम है आपस में झगड़ा करा देना. इस तरह का काम वैसे लोग करते हैं, जिनको काम करने में रुचि नहीं है. कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते हैं. हम उनको धन्यवाद देते हैं. मेरे खिलाफ बोलने से मेरा प्रचार होता है. मेरे खिलाफ बोलते रहिए, इससे मुझे कोई एतराज नहीं है.