BreakingPoliticsफीचर

नीरज ने कहा “इनके” लिए महत्वपूर्ण है लक्ष्मीदान और भूदान

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राज्य में एक बार फिर सियासी बुखार चढ़ गया है. इस बार यह हुआ है नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सांसद मीसा भारती समेत छह नेताओं के खिलाफ पटना के एक कोर्ट द्वारा एफआईआर दर्ज होने के बाद.

इन नेताओं पर एफआईआर दर्ज होने के बाद राज्य में सत्ता पक्ष के नेता तेजस्वी सहित लालू परिवार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. किसी ने इन्हें ‘जाली’ कहा है तो किसी ने कहा कि इनके लिए ‘लक्ष्मीदान और भूदान’ महत्वपूर्ण है.

बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) ने कहा, ” ये लोग जाली लोग हैं और जाली लोगों का पर्दाफाश पूरी तरह हो चुका है. सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. इन्हें तो अब जेल जाना ही चाहिए.”

उन्होंने कहा, ” यही हरकत इनकी शुरू से रही है. बिना पैसे के किसी को टिकट नहीं देते हैं. अगर पैसे नहीं मिलते हैं, तो वहां कहते हैं कि जमीन लिख दो. कई हमारे जानने वाले हैं, जिन्होंने इन्हें जमीन लिखा है. ये इनका पुराना धंधा है, आज जिसका पर्दाफाश हो गया है. अब इन्हें जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता.”

Also Read| बिहार में अलर्ट, 13 जिलों के एसपी व रेल पुलिस को सख्त निर्देश

वहीं, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा, ” महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस के नेता ने लालू प्रसाद यादव के बेटे, बेटी और कांग्रेस के नेताओं पर पैसे लेने का आरोप लगाया है. ये निश्चित रूप से गंभीर विषय है. लोकतंत्र लोकलाज की बुनियाद पर चलता है, लेकिन आरजेडी का मूल चरित्र पहले भी संपत्ति सृजन का रहा है. इनके लिए लोकलाज महत्वपूर्ण नहीं है. उनके लिए महत्वपूर्ण है लक्ष्मीदान और भूदान.”

पूरा मामला क्या है?

बता दें कि पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) विजय किशोर सिंह ने बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), मीसा भारती (Misa Bharti) सहित छह लोगों के खिलाफ कोर्ट ने एफआईआर (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है. इन सबों पर पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये ठगने का आरोप है. तेजस्वी पर तो जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है.

पटना सिविल कोर्ट में दायर परिवाद पत्र मामले में एफआईआर करने के लिए परिवाद पत्र को कोतवाली थाने भेजा गया है. मामले में पिछले महीने 18 अगस्त को कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम (CJM) की अदालत में एक आवेदन दायर किया था.

Also Read| पंजाब में चन्नी को चंद महीनों का सीएम बनाना दलितों का अपमान – सुशील मोदी

आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता संजीव कुमार सिंह का कहना है कि उनसे भागलपुर सीट से लोक सभा का टिकट देने के लिए पांच करोड़ रुपए लिए गए थे. इसके बाद भी टिकट नहीं दिया गया. जब संजीव ने इसपर आपत्ति जाहिर की तो उन्हें आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाएगा, लेकिन वह भी नहीं मिला.

इसके बाद संजीव ने तेजस्वी व मीसा के अलावा बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर व शुभानंद मुकेश व एक अन्य के खिलाफ यह आवेदन दिया था. कोर्ट ने 16 सितंबर को पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा के जरिए कोतवाली थानाध्यक्ष को इन सभी के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया गया.