महागठबंधन में नीतीश को सम्मान नहीं, बल्कि दुर्व्यवहार मिला: जदयू विधायक गोपाल मंडल
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राजद और जद (यू) के बीच गहराती दरार की चर्चा के बीच महागठबंधन में अग्रणी पार्टी जद (यू) के विधायक गोपाल मंडल (JDU MLA Gopal Mandal) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का ‘महागठबंधन’ (mahagathbandhan) में ‘सम्मान’ नहीं किया जा रहा है.
राजधानी पटना में पत्रकारों से बात करते हुए मंडल ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ‘अपना अस्तित्व बचाने के लिए गठबंधन बदलने’ की योजना बना रहे हैं.
मंडल ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष (नीतीश कुमार) जहां भी जाएंगे, हम उनका अनुसरण करेंगे. लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. उनका अस्तित्व दांव पर था. उनका सम्मान नहीं किया गया; उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था.”
जदयू विधायक ने राजद द्वारा उनकी पार्टी के विधायकों को तोड़ने के दावे का भी खंडन किया. मंडल ने कहा, “जेडीयू के विधायक मजबूत हैं, इसलिए उन्हें तोड़ना संभव नहीं है.”
इधर, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से मुकाबला करने के लिए गठित भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (National Developmental Inclusive Alliance) ब्लॉक (INDIA Bloc) की एकता अब खतरे में दिखाई पड़ने लगी है क्योंकि नीतीश कुमार ब्लॉक से बाहर हो सकते हैं. 2022 में भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ दल का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की पहल की और INDIA ब्लॉक का गठन हुआ. नीतीश ने पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक की मेजबानी की और यह व्यापक रूप से माना गया कि वह अंततः गठबंधन के संयोजक होंगे.
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बिहार में राजद और जद (यू) के बीच अचानक से दरार बढ़ना तब शुरू हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू की बेटी रोहिणी आचार्य (Lalu’s daughter Rohini Acharya) ने राजद के सत्तारूढ़ सहयोगी जदयू पर कटाक्ष करते हुए एक्स (X) पर एक पोस्ट किया कि ‘सोशलिस्ट पार्टी’ (जेडीयू) खुद को प्रगतिशील बताती है, लेकिन उसकी विचारधारा बदल जाती है. हवा का रुख बदल रहा है – इस बयान जिसने सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर दरार पैदा कर दी.
बताते चलें, अगर नीतीश पाला बदलते हैं तो यह चौथी बार होगा जब वह पाला बदलेंगे. 243 की बिहार विधानसभा में राजद के 79 विधायक हैं; इसके बाद भाजपा के 78; जद (यू) की 45′, कांग्रेस की 19, सीपीआई (एम-एल) की 12, सीपीआई (एम) और सीपीआई की दो-दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की चार सीटें, और एआईएमआईएम की एक सीट, साथ ही एक निर्दलीय विधायक.