हिन्दू विरोधी जमात में नीतीश भी शामिल
पटना (TBN – वरिष्ठ पत्रकार अनुभव सिन्हा की रिपोर्ट)| देश के अनुभवी नेताओं में शुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का बेहद छद्म रूप में हिन्दू विरोधी चेहरा सामने आया है. उन्होने भी कहा कि लोकसभा चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इस बात को कह चुकी हैं. लेकिन ममता से आगे रहने के लिहाज से नीतीश कुमार ने यह जोड़ दिया कि ऐसा वह पिछले सात-आठ महीने से कह रहे हैं.
सवाल यह कि नीतीश कुमार ने यह अनुमान कैसे लगाया जबकि केन्द्र सरकार की किसी भी गतिविधि से ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता कि लोकसभा चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं?
ममता इस कारण हैं मोदी विरोधी
ममता बनर्जी का मोदी विरोध तो जगजाहिर है. भ्रष्टाचार में भतीजे अभिषेक बनर्जी की गर्दन फंसी हुई है. इसलिए वह मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रहती हैं. पर नीतीश कुमार के सामने फिलहाल न तो भ्रष्टाचार का कोई मामला है और न ही उनकी कुर्सी पर कोई खतरा है. उन्हें तो अपने विधायकों को धन्यवाद देना चाहिए कि जदयू में यदि टूट की स्थिति भी बनती है तो दो-तिहाई विधायक टूट कर राजद से नहीं मिलेंगे.
यूसीसी विधेयक I.N.D.I.A. के लिए सदमे से कम नहीं
11 अगस्त को समाप्त हुए मानसून सत्र में यूसीसी विधेयक (UCC Bill) नहीं आया. शीतकलीन सत्र में इस विधेयक के लाए जाने की पूरी सम्भावना है. यह विधेयक संसद के दोनो सदनों से पास होकर कानून भी बन जायेगा. इस विधेयक का पास होना इंडिया (I.N.D.I.A.) के लिए सदमे से कम नहीं है.
इसके बाद अगले साल 24 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. दुनिया भर के पवित्र नदियों के जल से अभिषेक होना है. 109 देशों के प्रतिनिधि इस अवसर पर शामिल होंगे. देश के एक लाख मंदिरों में संक्रांत के बाद से रामकथा शुरू हो जायेगी. इतना बडा़ और पूर्व घोषित इवेंट को टालकर नरेन्द्र मोदी समय पूर्व लोकसभा का चुनाव क्यों करायेंगे?
समय पूर्व लोकसभा चुनाव होने पर तो पूरे देश भर में आचार संहिता लागू रहेगी. फिर 24 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की वैश्विक घटना में नरेन्द्र मोदी भाग कैसे लेंगे?
नीतीश कुमार का अनुमान गलत साबित होगा, पर यह कहकर हिन्दुओं के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश करने में ही उनका हिन्दू विरोधी चेहरा सामने आता है.
नीतीश की हालत पतली होती जा रही
दरअसल, जैसे-जैसे लालू यादव (Lalu Yadav) अपने मूल चरित्र के अनुसार राजनीति करते जा रहे हैं, वैसे-वैसे नीतीश कुमार की हालत पतली होती जा रही है. याद करने की बात है पीएम पद का उम्मीद्वार बताकर कैसे उनके लिए केन्द्र की राजनीति करने का माहौल बनाया गया, और जब कंवेनर बनाने की बारी आई तो सबसे पहले लालू यादव ने ही इंकार करके उनको झटका दिया.
इतना ही नहीं, महाराष्ट्र में इंडिया की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितम्बर को होनी है. लेकिन लालू यादव पुत्र तेजस्वी के साथ दो दिन पहले ही 29 अगस्त को महाराष्ट्र के लिए निकल गए. नीतीश जी 31 अगस्त को जायेंगे. दो दिन पूर्व जाकर लालू कैसी सेटिंग करना चाहते हैं, यह भी स्पष्ट होगा पर बैठक समाप्त होने के बाद.