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बिहार में शराबबंदी के खिलाफ प्रशांत किशोर के बाद मुकेश सहनी भी कूदे

मुजफ्फरपुर (The Bihar Now डेस्क)|राज्य में पूर्ण शराबबंदी है. शराबबंदी लागू होने के बाद से दो लोकसभा और एक विधानसभा का चुनाव हो चुका है, लेकिन अभी तक सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के किसी प्रमुख दल ने भी 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी को हटाने की बात नहीं की है. हालाँकि, चाहे शराब पर प्रतिबंध जारी रहे या इसे हटाया जाए, 2025 के विधानसभा चुनाव में यह एक प्रमुख मुद्दा बनने की संभावना बढ़ रही है.

कुछ दिनों पहले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वे एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर देंगे. अब महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने कहा है कि अगर उनकी सरकार बनी, तो शराब बैन की समीक्षा की जाएगी.

मुकेश सहनी ने मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक स्थित मेरीगोल्ड होटल में वीआईपी आईटी सेल पदाधिकारियों की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी का जो उद्देश्य था, वह पूरा नहीं हुआ है. आजकल घर-घर में शराब की होम डिलीवरी हो रही है.

मुकेश सहनी ने कहा कि जब शराबबंदी का मुख्य उद्देश्य ही नहीं पूरा हो रहा है, तो इस पर दोबारा सोचना जरूरी है. सहनी ने बताया कि जब वे लोग सरकार बनाएंगे, तब इस पर समीक्षा करेंगे.

उन्होंने कहा कि हम जनता के बीच जाएंगे, सर्वे करेंगे और जानेंगे कि जनता के लिए क्या सही है और राज्य सरकार के लिए क्या फायदेमंद है. उसके बाद ही हम निर्णय लेंगे.

गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने वाले जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने अगस्त महीने में एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला, तो वे एक घंटे में शराबबंदी खत्म कर देंगे.

उन्होंने बताया कि गांधी जी के नाम पर शराबबंदी के बारे में गलत जानकारी फैलाई गई है. गांधी जी ने कभी नहीं कहा कि इस पर कानून बनाना चाहिए. उन्होंने शराबबंदी को सामाजिक जागरूकता से जोड़ा था, यानी लोगों को यह समझाना जरूरी था कि शराब के सेवन में क्या नुकसान है, ताकि इसकी खपत कम हो सके.